Punjab News: पंजाब पुलिस के विवादास्पद 'कैट' से बर्खास्त पुलिसकर्मी और हत्या के मामले में उम्रकैद की सजा पाने वाले गुरमीत सिंह पिंकी की बुधवार को एक अस्पताल में मौत हो गई. रिपोर्ट के अनुसार, गुरमीत सिंह डेंगू से पीड़ित थे. उनका अस्पताल में इलाज चल रहा था, जहां कार्डियक अरेस्ट से उनकी मौत हो गई. गुरमीत सिंह को पिंकी कैट के नाम से भी जाना जाता था. उन्हें साल 2001 में लुधियाना में अवतार सिंह गोला की हत्या के लिए आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी.


गुरमीत सिंह ने पुलिसकर्मियों पर भी लगाया था आरोप
गुरमीत सिंह को तत्कालीन राज्य के डीजीपी सुमेध सिंह सैनी का संरक्षण और राजनीतिक रसूख प्राप्त था. जून 2014 में 10 साल की सजा पूरी होने से पहले ही उन्हें नाभा जेल से रिहा कर दिया गया था. गुरमीत सिंह ने जनवरी 2001 में एक मामूली सी बात पर एक व्यक्ति की गोली मारकर हत्या कर दी थी. मृतक अपने माता-पिता का इकलौता बेटा था. गुरमीत सिंह ने साल 2015 में यूट्यूब पर एक वीडियो अपलोड कर आरोप लगाया था कि वह कम से कम 50 फर्जी मुठभेड़ों का गवाह है. अपने 6 पार्ट वाले वीडियो में, पिंकी ने वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों द्वारा की गई हत्याओं का ग्राफिक विवरण दिया था, जिन्हें ऐसे कृत्यों के माध्यम से पदोन्नति मिली थी. 


रास्ता पूछने पर मारी थी गोली
गुरमीत सिंह ने साल 2001 में लुधियाना में एक युवक को रास्ता पूछने पर गोली मारी थी. इस आरोप में उन्हें उम्रकैद हुई लेकिन जेल से बाहर आने के बाद उन्हें नौकरी से बहाल कर दिया गया. जब मामला मीडिया के उठाया तो उन्हें पद से बर्खास्त कर दिया. गुरमीत सिंह का खरड़ में अपना फॉर्म हाउस है, लेकिन कुछ समय से वो चंडीगढ़ में रह रहे थे. आपको बता दें कि गुरमीत सिंह पिंकी को पुलिस का मुखबिर भी माना जाता था. एक समय में उन्होंने आतंकियों को पकड़ने में अहम भूमिका निभाई थी. 


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