Punjab Crime News: केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) की अदालत ने अपहरण के तीस साल पुराने मामले में आईजीपी समेत तीन पुलिसकर्मियों को दोषी करार दिया है. पंजाब स्थित मोहाली में कोर्ट ने सभी दोषियों को तीन साल की सजा सुनाई है.


सीबीआई के स्पेशल ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट अमनदीप कंबोज ने सेवानिवृत्त आईजी बलकार सिंह, सेवानिवृत्त डिप्टी पुलिस सुप्रीटेंडेंट उधम सिंह और सब इंस्पेक्टर साहिब सिंह को साल 1992 में सुरजीत सिंह के लापता होने के मामले में दोषी ठहराया.


2003 में पत्नी ने दाखिल की थी याचिका
साल 2003 में सुरजीत सिंह की पत्नी परमजीत कौर ने पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी. उन्होंने मामले में गलत जांच का आरोप लगाया था उसके बाद कोर्ट ने मामले को सीबीआई को दे दिया था. 


साल 1992 की सात मई को सुरजीत सिंह अमृतसर जिले के जस्सो गांव से पुलिस अपने साथ ले गई थी. जंडियाला गुरु थानान्तर्गत इस मामले में पुलिस ने 8 मई को सुरजीत सिंह की गिरफ्तारी  दिखाई थी. हालांकि पुलिस ने उस दौरान कहा था कि एक दिन बाद ही सुरजीत सिंह पुलिस की गिरफ्त से फरार हो गया था. 


साल 1992 के एक और मामले में कोर्ट ने दिया था ये निर्देश
इससे पहले साल 1992 के ही एक अन्य मामले में अदालत ने सीबीआई को निर्देश दिए थे कि वह फेक एनकाउंटर के केस की चश्मदीद गवाह जसबीर कौर को सुरक्षा उपलब्ध कराए. 


फर्जी मुठभेड़ मामले में आरोपी पंजाब पुलिस के सहायक महानिरीक्षक (एआईजी-ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन, पटियाला) राज कुमार समेत दो अन्य पर जसबीर कौर ने जान से मारने की धमकी देने का आरोप लगाया था. इसके बाद कोर्ट ने सुरक्षा दिए जाने का निर्देश दिया.


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