Chandigarh News: चंडीगढ़ पुलिस के पास बीते 27 सालों से लोगों का जब्त किया गया सामान मालखानों में पड़ा हुआ है. यह वह सामान है, जिसे अलग-अलग मामलों में केस दर्ज होने के दौरान जब्त किया गया था. हैरानी की बात यह है कि मामलों का फैसला आए 10 से 15 साल बीत जाने के बाद भी न तो किसी ने यह सामान छुड़वाया और न ही उस पर अपना दावा किया.

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मोबाइल से लेकर घरेलू सामान तक जब्त

पुलिस के अनुसार जब्त सामानों में पुराने नोकिया मोबाइल फोन, कंप्यूटर फ्लॉपी, लैपटॉप, गैस सिलेंडर, कड़ाही, कटोरियां, बाल्टी और यहां तक कि स्कूटर की स्टेपनी भी शामिल है. यह सारा सामान सेक्टर-17 थाने के मालखाने में रखा गया है. लंबे समय से यह सामान पड़ा रहने के कारण अब मालखाने में जगह की कमी भी होने लगी है.

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अब चंडीगढ़ पुलिस ने फैसला लिया है कि जिन लोगों का यह सामान है, वे एक महीने के भीतर आकर उस पर दावा करें. पुलिस ने साफ कर दिया है कि यदि तय समय के भीतर कोई व्यक्ति दावा नहीं करता है तो नियमों के तहत इस पूरे सामान की नीलामी कर दी जाएगी. इसके बाद किसी भी तरह का दावा या आपत्ति स्वीकार नहीं की जाएगी.

लोग क्यों नहीं आए सामान लेने?

कानूनी विशेषज्ञों के मुताबिक, लोगों के सामान लेने न आने के पीछे दो बड़े कारण हैं. पहला, अधिकतर लोग बाहरी राज्यों से थे और सामान की कीमत बहुत ज्यादा नहीं थी, इसलिए उन्होंने इसे गंभीरता से नहीं लिया. दूसरा कारण यह है कि कई लोगों को यह जानकारी ही नहीं थी कि केस खत्म होने के बाद वे अपना जब्त किया हुआ सामान वापस ले सकते हैं.

पुलिस ने बताया कि यह सामान कॉपीराइट एक्ट, चोरी, धोखाधड़ी, नौकर से चोरी, इमिग्रेशन एक्ट, सेंधमारी, सड़क हादसों और NDPS एक्ट जैसे मामलों से जुड़ा है. इन सभी मामलों का निपटारा हो चुका है. करीब 17 लोग बरी हो चुके हैं, कुछ मामले अनट्रेस रहे और कुछ मामलों में आरोपी की मौत हो चुकी है. बाकी मामलों में सजा भी पूरी हो चुकी है.

पहले भी उठाया जा चुका है ऐसा कदम

गौरतलब है कि इससे पहले चंडीगढ़ पुलिस ने सालों से थानों में खड़े जब्त वाहनों का भी निपटारा किया था. नए कानून और हाई कोर्ट के निर्देशों के चलते यह कार्रवाई की गई थी. अब उसी तर्ज पर पुराने जब्त सामान को लेकर यह प्रक्रिया शुरू की गई है.