Punjab News: अमेरिका में अवैध रूप से प्रवेश करने वालों में कुछ ऐसे लोग भी हैं जिन्हें जब वास्तविकता का पता चला तो उन्होंने अमेरिका में घुसने से मना कर दिया लेकिन उन्हें जबरन घुसाया गया. ऐसा ही एक शख्स पंजाब का रहने वाला जतिंदर सिंह (34) है. जो कि उन चार पंजाबियों में है जिसे अमेरिका से बनाया के रास्ते वाणिज्यिक विमान से दिल्ली लाया गया है.

जतिंदर पटियाला का रहने वाला है. उसका कहना है कि जब उसे अमृतसर में भारतीयों के डिपोर्ट होने की जानकारी मिली तभी उसने अमेरिका-मेक्सिको सीमा में घुसने से इनकार कर दिया लेकिन उसे बंदूक की नोक पर घुसाया गया.

बंदूक का डर दिखाकर सीमा में घुसाया

जतिंदर सिंह ने इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में कहा, ''हम 5 फरवरी को मेक्सिको के बॉर्डर शहर तिजुआना में थे, जिस दिन पहला जत्था अमृतसर उतरा था. पहले जत्थे से लाए गए एक व्यक्ति से हमने बात की थी, हम उसे जानते थे. हमारा चार लोगों का ग्रुप था और हमें एजेंट ने बताया कि हम नहीं जाना चाहते. हमने 6 फरवरी को सीमा पार करने से इनकार कर दिया लेकिन हमें बंदूक की नोक पर एजेंट ने सीमा में घुसने के लिए मजबूर किया. उन्होंने कहा कि हमें आगे जाना होगा क्योंकि अब पीछे मुड़कर नहीं देख सकते. हमने उन्हें बताया कि हम तिजुआना से लौटना चाहते हैं. हम मेक्सिको में शरण लेने और भारत लौटने के लिए तैयार हैं लेकिन उन्होंने कहा कि हमें बॉर्डर पार करना ही होगा.''

एजेंट को जमीन बेचकर दिए थे 45 लाख

अब तक कुल 131 लोगों को भारत भेजा जा चुका है. पंजाब लौटे ये चार वो लोग हैं जिन्हें 12 की टीम में पहले पनामा के होटल में रुकाया गया और फिर कमर्शल फ्लाइट से भारत भेजा गया. इसके बाद चारों को अमृतसर भेजा गया. पहले की तीन फ्लाइट सीधी अमृतसर आई थी. जतिंदर ने बताया कि उसने अमेरिका के वर्क परमिट के लिए तीन एकड़ जमीन बेची थी और 45 लाख रुपये एजेंट को दिए थे. उसे कहा गया था कि वैध तरीके से अमेरिका विमान से भेजा जाएगा लेकिन जो भी उसके साथ हुआ वह किसी बुरे सपने से कम नहीं था.

कई देशों में अवैध रूप से ली एंट्री

जतिंदर ने बताया कि वह कई देशों में अवैध तरीके से घुसा. उसने पनामा के जंगल में 70-80 बार नदियों को बार किया. उसे अपनी आंखों से मौत देगी. जतिंदर पहले किसी फैक्ट्री में काम करता था और हर महीने आठ हजार रुपये कमाता था.

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