पंजाब सरकार ने एक बड़ा कदम उठाते हुए कक्षा 11 के छात्रों के लिए उद्यमिता (Entrepreneurship) को मुख्य विषय के तौर पर शामिल करने का ऐलान किया है. यह नया कोर्स शैक्षणिक सत्र 2025-26 से शुरू होगा. शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस और पंजाब आप प्रभारी मनीष सिसोदिया ने शुक्रवार को इस योजना को लॉन्च किया.

बैंस ने कहा कि पंजाब देश का पहला राज्य है, जिसने औपचारिक रूप से स्कूल शिक्षा में उद्यमिता को मुख्य विषय का दर्जा दिया है. उनका दावा है कि इससे छात्र नवप्रवर्तक, समस्या सुलझाने वाले और नौकरी देने वाले बन सकेंगे.

बाजार में उतरने का मिलेगा मौका

इस विषय को लेकर शिक्षा मंत्री ने साफ किया कि यह कोर्स पूरी तरह अनुभवात्मक और व्यावहारिक होगा. यानी बच्चे सिर्फ किताबें नहीं पढ़ेंगे, बल्कि टीमें बनाकर बिजनेस आइडिया सोचेंगे, प्रोटोटाइप तैयार करेंगे और यहां तक कि सीड फंडिंग के लिए पिच भी करेंगे. बाद में अपने बनाए प्रोडक्ट या सेवाओं को बाजार में उतारने का मौका भी मिलेगा.

सबसे खास बात यह है कि इसमें लिखित परीक्षा नहीं होगी. इसके बजाय स्कूल-आधारित मूल्यांकन होगा. छात्र खुद का आकलन करेंगे, साथी छात्रों से फीडबैक लेंगे और शिक्षकों/मेंटॉर से मार्गदर्शन पाएंगे. इससे कक्षा का माहौल सहयोगी और प्रैक्टिकल बन जाएगा.

पढ़ाई पर नहीं पड़ेगा ज्यादा बोझ

इस विषय के लिए साल में 18 पीरियड रखे गए हैं, 3 थ्योरी और 15 प्रोजेक्ट आधारित. यानी छात्रों को अतिरिक्त बोझ नहीं दिया जाएगा, बल्कि पढ़ाई को मजेदार और असरदार बनाया जाएगा.

बैंस ने कहा कि यह पहल छात्रों में रचनात्मकता, आत्मविश्वास और समस्या सुलझाने की क्षमता बढ़ाएगी. अब बच्चे मौके का इंतजार करने की बजाय खुद मौके बनाएंगे.

बड़े स्तर पर होगा आर्थिक असर

पंजाब के 3,840 सीनियर सेकेंडरी स्कूलों में फिलहाल 2.68 लाख से ज्यादा छात्र पढ़ते हैं. मंत्री ने बताया कि अगर इनमें से केवल 10% भी सफल हुए, तो सालाना 300 से 400 करोड़ रुपये की छात्र-आधारित आर्थिक गतिविधि पैदा हो सकती है. इसका सीधा असर स्थानीय रोजगार, मांग और सामुदायिक विकास पर पड़ेगा.

शिक्षक बनेंगे स्टार्टअप कोच

मंत्री बैंस ने कहा, “अब हमारी कक्षाएं विचारों के इनक्यूबेटर बनेंगी और शिक्षक स्टार्टअप कोच की तरह काम करेंगे. इससे बच्चे न केवल नेता बनेंगे, बल्कि नौकरी देने वाले भी बनेंगे.”

उन्होंने आगे कहा कि यह पहल छात्रों में नवाचार, निर्णय लेने की क्षमता और आत्मनिर्भरता को मजबूत करेगी. साथ ही सतत आर्थिक विकास को भी बढ़ावा देगी.

बिजनेस ब्लास्टर्स प्रोग्राम की सफलता पर अगला कदम

यह नया कोर्स दरअसल "पंजाब बिजनेस ब्लास्टर्स प्रोग्राम" की सफलता पर आधारित है. नवंबर 2022 में इसे “पंजाब यंग एंटरप्रेन्योर्स प्रोग्राम” के तहत सिर्फ 32 स्कूलों और 11,041 छात्रों से शुरू किया गया था. लेकिन आज यह 1,927 स्कूलों और लगभग 1.8 लाख छात्रों तक पहुंच चुका है.