पंजाब में बाढ़ के बाद उत्पन्न हालातों से निपटने में मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व में आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार ने तेजी और संवेदनशीलता दोनों का परिचय दिया है. स्वास्थ्य विभाग की 15 सितंबर की रिपोर्ट के मुताबिक, राज्य सरकार ने राहत से आगे बढ़कर भरोसे की नींव रखी है. अब तक 2,303 गांवों में विशेष स्वास्थ्य अभियान की शुरुआत की गई है, जिनमें से 2,016 गांवों में हेल्थ कैंप आयोजित हो चुके हैं. इन कैंपों में 51,612 लोगों का स्वास्थ्य परीक्षण कर उन्हें मौके पर ही इलाज और आवश्यक दवाइयां दी गईं.

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अब तक 1,08,770 घरों की स्क्रीनिंग की गई

जानकारी के अनुसार, अब तक 1,929 गांवों में आशा वर्कर्स ने घर-घर जाकर 1,32,322 परिवारों की सेहत की जांच की और ज़रूरतमंदों को ORS, पैरासिटामोल, डेटॉल, क्रीम, बैंड-एड और अन्य मेडिकल किट्स वितरित कीं. इसके साथ ही स्वास्थ्य सेवाओं के साथ-साथ सरकार ने बीमारी की रोकथाम और साफ-सफाई के मोर्चे पर भी तेज़ी से काम किया है.

इसके अलावा 1,861 गांवों में मच्छरों के प्रजनन स्थलों की जांच कर 1,08,770 घरों की स्क्रीनिंग की गई, जिनमें 2,163 घरों में लार्वा मिलने पर तत्काल 23,630 घरों में लार्वीसाइड का छिड़काव हुआ. इसके अलावा, 878 गांवों में फॉगिंग की गई है ताकि डेंगू और मलेरिया जैसे रोगों पर नियंत्रण पाया जा सके.

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लोंगाें ने कहा- पहली बार सरकार खुद दरवाजे तक आई

सरकार जिम्मेदारी से पीछे नहीं हटती, वह आगे बढ़कर अपना फर्ज निभाती है. सरकार की यह पहल सिर्फ आंकड़ों तक सीमित नहीं है, बल्कि यह उस सोच का प्रतीक है जो जनता को परिवार मानती है. गांवों में लोग कह रहे हैं कि पहली बार सरकार खुद दरवाजे तक आई है — बिना बुलाए, बिना झिझक. मुख्यमंत्री भगवंत मान की अगुवाई में सरकार ने यह सिद्ध कर दिया है कि जब नीयत साफ हो और टीम जुटकर काम करे, तो राहत से आगे जाकर भरोसा भी जिया जा सकता है. यह मिशन अब सिर्फ एक सरकारी कार्यक्रम नहीं, बल्कि ‘साड़ी सरकार’ की सच्ची सेवा बन गया है.