Punjab News: भीषण गर्मी और धान की बुवाई के समय पीएसपीसीएल (PSPCL) ने गुरुवार को बिना किसी बिजली कटौती के 15,151 मेगावाट की सर्वकालिक रिकॉर्ड मांग को पूरा किया. बता दें कि, यह पिछले साल धान के मौसम के दौरान 14207 मेगावाट की अधिकतम मांग से 6.6 प्रतिशत ज्यादा है. पंजाब में मौजूद सातों थर्मल यूनिट चल रही हैं. साथ ही प्राइवेट क्षेत्र की भी सभी थर्मल यूनिटें चल रही हैं. रणजीत सागर की चार में से तीन यूनिटें अधिकतम मांग के समय चल रही हैं.


दरअसल, पंजाब में बिजली की मांग लगातार बढ़ रही है और धान के सीजन में मांग पिछले साल से 1000 मेगावाट ज्यादा है, लेकिन पीएसपीसीएल अतिरिक्त बिजली की मांग को पूरा करने में सक्षम है. वहीं पंजाब में बिजली की मांग बुधवार को 3,331 लाख यूनिट के साथ 14,962 मेगावाट पर पहुंच गई. पीएसपीसीएल ने बिजली की मांग को पूरा करने के लिए 214 लाख यूनिट बिजली खरीदी और शाम के समय तक बिजली 14,377 मेगावाट थी. बता दें कि, विशेष रूप से पंजाब में बिजली निगम कृषि क्षेत्र को आठ घंटे बिजली की आपूर्ति कर रहा है. 


पीएसपीसीएल के पास पर्याप्त कोयला स्टॉक 


वहीं धान की बुआई के पहले चरण में बॉर्डर के पास वालें किसानों को 10 जून से धान की फसल बोने के लिए आठ घंटे बिजली की आपूर्ति दी गई थी. वहीं  16 जून से फिरोजपुर, फरीदकोट, पठानकोट, फतेहगढ़, गुरदासपुर, शहीद भगत सिंह नगर और तरनतारन जिलों के किसानों को आठ घंटे बिजली आपूर्ति की गई. हालांकि, इस साल पीएसपीसीएल के पास पर्याप्त कोयला स्टॉक है, लेकिन पंजाब के दो निजी बिजली यूनिटों के पास एक सप्ताह से भी कम समय का कोयला स्टॉक है. 


सीएम मान ने केंद्र से मांगी थी बिजली


मुख्यमंत्री भगवंत मान ने केंद्रीय बिजली मंत्रालय को पत्र लिखकर धान के सीजन के लिए 15 जून से 15 अक्टूबर तक 1000 मेगावाट अतिरिक्त बिजली की मांग की थी. लेकिन केंद्र सरकार ने अभी तक इस संबंध में कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है. पंजाब सरकार को केंद्र से बिजली मिलने का इंतजार है. इस समय पंजाब के कृषि क्षेत्र में बिजली की मांग 15 हजार मेगावाट से अधिक हो गई है. पूरे पंजाब में धान की कटाई शुरू हो गई है और बिजली की मांग अचानक बढ़ गई है, जो पंजाब सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती बन गई है. फिलहाल पीएसपीसीएल इसे पूरा कर पा रहा है. सिर्फ दो ही शहरों में कुछ समय के लिए पावर कट लगता है. 


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