Punjab News: चंडीगढ़ में मुख्यमंत्री भगवंत मान ने एक बार फिर यूपी के गैंगस्टर मुख्तार अंसारी के मामले में पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि कैप्टन अमरिंदर सिंह जहां रोपड़ जेल में अंसारी से मिलने की बात से इनकार कर रहे है वहीं उनको अपने बेटे से पूछना चाहिए वो कितनी बार मुख्तार अंसारी से मिला. सीएम मान ने कहा कि अंसारी की पत्नी भी यहां मिलने आती थी 2-2 महीने तक यहां रहती थी. कैप्टन सरकार में अंसारी की खूब सेवा की गई. 


गैंगस्टर को रोकने के लिए वकील हायर
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कैप्टन अमरिंदर सिंह पर आरोप लगाते हुए कहा कि अंसारी को जिस केस में पंजाब लाया गया था उसका कोई अता-पता ही नहीं था. फिर यूपी में अंसारी को सजा सुनाई जानी थी तो उन्होंने पंजाब सरकार से संपर्क किया और कहा कि वो थ्रेट की एफआईआर करवाकर उसे यूपी ले आए. लगभग 25 बार यूपी की तरफ से अंसारी को भेजने के लिए कहा गया, लेकिन पंजाब सरकार हर बार कोई ना कोई बहाने बनाती रही कभी कहती कि सर्वाइकल की प्रोब्लम की वजह से वो सफर नहीं कर सकता कभी कोई और बहाना. लेकिन जब यूपी सरकार अंसारी को वापस लेने के लिए कोर्ट पहुंची तो अंसारी को रोकने के लिए कैप्टन सरकार ने वकील हायर किए. वकील की फीस 55 लाख रुपए बन गई उनके पास जब वो वकीलों की फीस का बिल आया तो उन्होंने कहा कि वो सरकारी खजाने से क्यों दें. जिन्होंने बिना किसी कारण के अंसारी को यहां रखा वो इसका बिल दें.



‘मुख्तार अंसारी के बेटे और भतीजे के नाम पर जमीन’
सीएम मान ने आरोप लगाते हुए कहा कि रोपड़ में वक्फ बोर्ड की जमीन पर मुख्तार अंसारी के बेटे और भतीजे के नाम पर है. आवास अंसारी एंड उमर अंसारी के नाम पर रोपड़ में वक्फ बोर्ड की जमीन है. बाकी रणइंदर सिंह को पता होगा कि यह कौन-कौन हैं. सीएम मान ने आगे कहा कि कैप्टन उनपर आरोप लगाते कि मुझे सरकार नहीं चलानी आती, तो क्या ऐसे सरकारें चलती है. उनका 9 साल का और मेरा सिर्फ डेढ़ साल एक्सपीरिएंस है, वकीलों की पेमेंट तो होकर रहेगी लेकिन होगी उनकी ही जेब से.


यह भी पढ़ें: Punjab: पंजाब में 'एंटी-ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट' को मजबूत करने की तैयारी, काफिले में शामिल होगी ये गाड़ियां