पंजाब विधानसभा के एक दिवसीय विशेष सत्र में मंगलवार (30 दिसंबर) को तीन महत्वपूर्ण विधेयकों को पारित किया गया. इन विधेयकों का उद्देश्य राज्य में भूमि, संपत्ति और राजस्व से जुड़े मामलों को सरल बनाना और आम लोगों को सीधा लाभ पहुंचाना है.

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पारित किए गए विधेयकों में 'पंजाब आबादी देह (अधिकार अभिलेख) संशोधन विधेयक 2025', भारतीय स्टाम्प (पंजाब द्वितीय संशोधन) विधेयक, 2025 और पंजाब भूमि राजस्व (संशोधन) विधेयक 2025 शामिल हैं.

संशोधन से आम लोगों पर कम होगा आर्थिक बोझ

राजस्व, पुनर्वास और आपदा प्रबंधन मंत्री हरदीप सिंह मुंडियां ने सदन में विधेयकों की जानकारी देते हुए बताया कि भारतीय स्टाम्प अधिनियम 1899 में किए गए संशोधन से स्टाम्प शुल्क की व्यवस्था को अधिक व्यावहारिक बनाया गया है. अब संपत्ति के स्वामित्व विलेख जमा करने, बंधक रखने और समतुल्य बंधक से संबंधित स्टाम्प शुल्क को युक्तिसंगत बनाया गया है. जिससे एक ही ऋण लेनदेन के लिए शुल्क के दोहराव को समाप्त किया गया है.

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आपत्तियों और अपीलों के लिए कम की गई तय समय सीमा

उन्होंने 'पंजाब आबादी देह' संशोधन विधेयक पर बोलते हुए कहा कि इसमें आपत्तियों और अपीलों के लिए तय समय सीमा को कम किया गया है. इससे सरकार की 'मेरा घर मेरे नाम' योजना को तेजी से लागू करने में मदद मिलेगी. खास तौर पर 'आबादी देह' क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को समय पर उनके घरों का कानूनी स्वामित्व मिल सकेगा.

भूमि और संपत्ति से जुड़े मामलों में बढ़ेगी पारदर्शिता

सरकार का मानना है कि इन तीनों विधेयकों से भूमि और संपत्ति से जुड़े मामलों में पारदर्शिता बढ़ेगी. विवाद कम होंगे और लोगों को उनके अधिकार आसानी से मिल पाएंगे. यह कदम राज्य में प्रशासनिक सुधार की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल माना जा रहा है.

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