Punjab Assembly News: पंजाब विधानसभा ने शुक्रवार (28 मार्च) को बजट सत्र के अंतिम दिन 3 महत्वपूर्ण विधेयकों को पारित किया गया. इन विधेयकों में ट्रांसफर ऑफ प्रिजनर्स (पंजाब संशोधन) विधेयक, 2025 शामिल है. इस विधेयक का मकसद अंडरट्रायल कैदियों को एक राज्य से दूसरे राज्यों में ट्रांसफर करना है.
अंडरट्रायल कैदी वे होते हैं जो किसी अपराध के आरोप में जेल में हैं, लेकिन उनका मुकदमा अभी पूरा नहीं हुआ है. यानी वे दोषी साबित नहीं हुए हैं, पर जमानत न मिलने या न ले पाने के कारण जेल में हैं.
आंतरिक सुरक्षा का दिया हवाला- भुल्लरजेल मंत्री लालजीत सिंह भुल्लर ने सदन में इस विधेयक को प्रस्तुत करते हुए कहा कि बॉर्डर पर होने के कारण पंजाब, गंभीर आंतरिक सुरक्षा चुनौतियों का सामना कर रहा है. पंजाब के अलग-अलग जेलों में उच्च जोखिम वाले कैदी बंद हैं, जिनमें राष्ट्रविरोधी गतिविधियों में शामिल व्यक्ति, अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों से जुड़े लोग, आतंकवादी, ‘ए’ श्रेणी के गैंगस्टर, तस्कर और खतरनाक अपराधी शामिल हैं. ये अपराधी जेल से ही अपने आपराधिक नेटवर्क संचालित करने का प्रयास करते हैं.
भुल्लर ने कहा कि 1950 के कैदियों के स्थानांतरण अधिनियम में संशोधन करना आवश्यक हो गया था, जिससे पंजाब के विचाराधीन कैदियों को अन्य राज्यों की जेलों में स्थानांतरित करने की कानूनी व्यवस्था बनाई जा सके. उन्होंने कहा कि यह संशोधन कानून-व्यवस्था और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए किया गया है और इससे जेल प्रशासन की सुचारू व्यवस्था सुनिश्चित होगी.
क्रशर यूनिट और स्टॉकिस्टों पर सख्तीसदन में पंजाब रेगुलेशन ऑफ क्रशर यूनिट्स एंड स्टॉकिस्ट्स एंड रिटेलर्स बिल, 2025 भी पारित किया गया. इस विधेयक का उद्देश्य अनियंत्रित क्रशर इकाइयों और स्टॉकिस्टों की गतिविधियों पर रोक लगाना है, जो अवैध खनन, अनधिकृत व्यापार और पर्यावरणीय क्षति का कारण बन रहे हैं.
विधेयक के अनुसार, क्रशर इकाइयों को पंजीकरण और लाइसेंसिंग की अनिवार्यता होगी, जिससे अवैध खनन पर रोक लगेगी. साथ ही, पारदर्शिता बढ़ाने के लिए ऑनलाइन निगरानी प्रणाली को लागू किया जाएगा. यह विधेयक अवैध रूप से खनिजों के दोहन, जब्ती, दंड और दंडात्मक कार्रवाई की शक्ति भी प्रशासन को प्रदान करता है. इसके अतिरिक्त, पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखने के लिए एक पर्यावरण प्रबंधन कोष (EMF) की स्थापना की जाएगी.
स्टांप ड्यूटी पर संशोधनइसके अलावा, भारतीय स्टांप (पंजाब संशोधन) विधेयक, 2025 को भी पारित किया गया. इस विधेयक का उद्देश्य भारतीय स्टांप अधिनियम, 1899 की अनुसूची 1-ए में बदलाव करना है, जिससे व्यापार करने में आसानी हो और स्टांप शुल्क नियमों को अधिक प्रभावी ढंग से लागू किया जा सके.
प्रस्तावित संशोधन से व्यवसायों पर वित्तीय बोझ कम होगा और बैंक या वित्तीय संस्थानों के बीच ऋण हस्तांतरण पर स्टांप शुल्क का दोहरा भुगतान समाप्त किया जाएगा. इससे पुनर्वित्त प्रक्रिया को सरल बनाया जाएगा और व्यापारिक विकास को बढ़ावा मिलेगा.
सभी विधेयकों के पारित होने के बाद सदन को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया.