Punjab News: पंजाब विधानसभा चुनाव में शिरोमणि अकाली दल को करारी हार का सामना करना पड़ा है. शिरोमणि अकाली दल (Shiromani Akali Dal) के संरक्षक और पांच बार के सीएम प्रकाश सिंह बादल लांबी से पहली बार चुनाव हार गए. हार के बावजूद 94 साल के प्रकाश सिंह बादल (Prakash Singh Badal) ने सिखों के हित के लिए लड़ते रहने का दावा किया है. 


पंजाब विधानसभा चुनाव में शिरोमणि अकाली दल ने अपना सबसे खराब प्रदर्शन किया. आम आदमी पार्टी ने कांग्रेस तथा शिअद-बसपा गठबंधन को धूल चटाते हुए 117 सदस्यीय पंजाब विधानसभा में 92 सीटें जीती हैं. शिअद बस तीन सीटें जीत पाया. प्रकाश सिंह बादल ने कहा कि कभी-कभी पार्टियों के सामने उतार-चढ़ाव आते हैं लेकिन शिअद राज्य के हितों के लिए संघर्ष करता रहेगा.


कई राजनीतिक दिग्गजों में पांच बार के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल, उनके बेटे एवं शिअद प्रमुख सुखबीर सिंह बादल विधानसभा चुनाव में क्रमश: लम्बी और जलालाबाद सीटों से चुनाव हार गये. करीब सौ साल पुराने शिअद ने चुनाव में खराब प्रदर्शन के कारणों का मूल्यांकन के लिए सोमवार को अपनी कोर समिति की बैठक बुलायी है. चुनाव नतीजे पर टिप्पणी करते हुए प्रकाश सिंह बादल ने कहा, ''कभी कभी पार्टियों के सामने उतार-चढ़ाव आते हैं. राजनीति में ऐसा होता है.''


बादल परिवार को लेकर खड़े हुए सवाल


उन्होंने 1975 में शिअद के सभी सीटें जीत जाने का उल्लेख करते हुए कहा, ''आपातकाल के दौरान लहर हमारे पक्ष में थी और कोई अन्य नहीं जीत सका. लोग आप सरकार का यह अनुभव भी देखेंगे लेकिन हम पंजाब और देश के हितों के लिए संघर्ष करते रहेंगे.''


प्रकाश सिंह बादल ने जनादेश को स्वीकार करने की बात कही है. हालांकि पंजाब विधानसभा चुनाव में इस करारी हार के बाद शिरोमणि अकाली दल के भीतर बादल परिवार के नेतृत्व को लेकर भी सवाल खड़े हो गए हैं.


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