Farmer Protest: दिल्ली में करीब एक साल तक किसान आंदोलन की अगुवाई करने वाले नेताओं के बीच की दरार अब खुलकर सामने आ गई है. सोमवार को संयुक्त किसान मोर्चा (Sanyukt Kisan Morcha) की ओर से किसान आंदोलन की बाकी बची हुई मांगों पर विचार करने के लिए मीटिंग बुलाई गई थी. लेकिन इस मीटिंग में पंजाब विधानसभा चुनाव लड़ने वाले संयुक्त समाज मोर्चा (Sanyukt Samaj Morcha) के नेताओं को एंट्री नहीं मिली.


पंजाब की 13 किसान यूनियन ने बलबीर सिंह राजेवाल की अगुवाई में संयुक्त समाज मोर्चा बनाया था. संयुक्त समाज मोर्चा को पंजाब विधानसभा चुनाव में करारी हार का सामना करना पड़ा. इसके साथ ही संयुक्त किसान मोर्चा ने खुद को राजनीति से दूर रखने के लिए चुनाव लड़ने वाले सभी नेताओं को मोर्चे से बाहर कर दिया था.


चूंकि अब पंजाब विधानसभा चुनाव खत्म हो चुके हैं इसलिए संयुक्त समाज मोर्चा को दोबारा एसकेएम का हिस्सा बनने की उम्मीद थी. बलबीर राजेवाल और गुरुनाम सिंह चढूनी एक साथ मीटिंग में हिस्सा लेने के लिए पहुंचे थे. लेकिन दोनों ही नेताओं को मीटिंग में एंट्री नहीं मिली. इसके बाद बलबीर राजेवाल की ओर से एक अलग मीटिंग का आयोजन किया गया.


17 मार्च को हो सकता है फैसला


एसकेएम के नेता जोगिंदर सिंह उगराहां की ओर से साफ कर दिया गया है कि कोई भी राजनीतिक संगठन एसकेएम का हिस्सा नहीं बन सकता है. वहीं बलबीर राजेवाल का कहना है कि उन्हें एसकेएम का हिस्सा बनाया जाना चाहिए क्योंकि एमएसपी की लड़ाई सभी किसानों की है.


संयुक्त किसान मोर्चा हालांकि संयुक्त समाज मोर्चा के सदस्यों को दोबारा एसकेएम का हिस्सा बनाने पर विचार कर सकता है. 17 मार्च को एसकेएम की ओर से एक और मीटिंग बुलाई गई है. इस मीटिंग में एसएसएम के भविष्य का फैसला होगा.


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