Punjab News: पंजाब में शिरोमणि अकाली दल (SAD) और भारतीय जनता पार्टी (BJP) के बीच गठबंधन को लेकर तमाम खबरें सामने आ रही हैं. कुछ दिनों से राजनीतिक गलियारों में ये खबरें लगातार चल रही थी कि आने वाले दिनों में शिरोमणि अकाली दल और बीजेपी के बीच गठबंधन का औपचारिक ऐलान हो सकता है. इसी बीच शिरोमणि अकाली दल अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल (Sukhbir Singh Badal) के एक बयान ने सारे कयासों पर पानी फेर दिया. जिसके बाद बीजेपी को भी सामने आकर अपना पक्ष रखना पड़ा. बीजेपी की तरफ से गुजरात के पूर्व सीएम नेता विजय रूपाणी कहा कि पंजाब में लोकसभा की सभी 13 सीटों पर BJP अकेले चुनाव लड़ेगी.


सुखबीर सिंह बादल ने गठबंधन को लेकर दिखाए तेवर
सुखबीर सिंह बादल (Sukhbir Singh Badal) ने मीडिया के सामने आकर ये साफ कर दिया कि, पंजाब में शिरोमणि अकाली दल बीजेपी के साथ कोई गठबंधन नहीं करने जा रही है. बादल ने तेवर दिखाते हुए कहा कि उनकी पार्टी का गठबंधन बीएसपी से है तो बीजेपी से एलायंस का सवाल कहां से आ रहा है? बीजेपी से गठबंधन की बात मात्र मीडिया की अटकलें हैं. बादल के इस बयान के बाद यह साफ हो गया कि हाल फिलहाल में SAD-BJP का कोई गठबंधन नहीं होने वाला है.


विजय रूपाणी ने कहा- पंजाब में बीजेपी अकेले लड़ेगी
सुखबीर सिंह बादल के बयान के बाद बीजेपी ने भी पंजाब में अपना रुख साफ किया है. बीजेपी की तरफ से गुजरात के पूर्व सीएम नेता विजय रूपाणी कहा कि पंजाब में लोकसभा की सभी 13 सीटों पर BJP अकेले चुनाव लड़ेगी. आगामी 2024 के चुनावों में बीजेपी पीएम मोदी के नेतृत्व में चुनाव लड़ेगी और दिल्ली (केंद्र) में तीसरी बार सरकार बनाएगी. दोनों पार्टियों के नेताओं की तरफ से गठबंधन की चर्चा पर विराम लगा दिया गया है.


सुनील जाखड़ ने गठबंधन को लेकर नहीं दिया स्पष्ट बयान
इसी बीच पंजाब बीजेपी के नवनियुक्त अध्यक्ष सुनील जाखड़ (Sunil Jakhar) ने भी SAD-BJP गठबंधन पर अपनी बात रखी है. हालांकि, जाखड़ ने गठबंधन को पूरी तरह से खारिज करने वाली बात नहीं कही है. उन्होंने ने कहा, 'पंजाब में किसी भी गठबंधन के बारे में फैसला हाईकमान को लेना है. मेरी जिम्मेदारी बीजेपी को 117 सीटों पर मजबूत करना है. मैं पंजाब में बीजेपी को मजबूत करने की पूरी कोशिश कर रहा हूं.' सुनील जाखड़ अपने बयान में गठबंधन के फैसले को लेकर स्पष्ट नहीं दिखा रहे हैं. खैर, पंजाब बीजेपी में चलने वाली इस गठबंधन की होली कब तक चलती है और इससे क्या बात निकल कर आती है ये देखने वाली बात होगी.  


गठबंधन हुआ तो अकाली दल को झुकना पड़ेगा?
25 सितंबर 2020 को सुखबीर सिंह बादल ने चार घंटे की मुलाकात के बाद करीब 25 साल पुराना रिश्ता तोड़ दिया. फिर भी कोर कमेटी की आपात बैठक रात करीब 11:30 बजे तक चली. खबरों की माने तो अब अकाली दल फिर से गठबंधन करना चाहता है लेकिन पंजाब बीजेपी के नेता अकाली दल को अपने साथ नहीं जोड़ना चाहते हैं. ऐसे में अकाली दल के सामने कई शर्तें रखी जा सकती हैं. इससे साफ है कि अकाली दल को बीजेपी की हर बात माननी होगी, लेकिन अकाली दल अब बीजेपी के फैसलों पर सवाल नहीं उठा सकता.