Ludhiana Kidnapping News: पंजाब के लुधियाना में एक करोड़ रुपये की फिरौती के लिए घर के बाहर से अपहरण किए गए सात साल के बच्चे को पुलिस ने 24 घंटे के भीतर मुक्त करा लिया. साथ ही पुलिस के साथ मुठभेड़ में मुख्य आरोपी मारा गया. अधिकारियों ने बताया कि पटियाला जिले में हुई मुठभेड़ में तीन पुलिसकर्मी भी घायल हो गए और दो अन्य आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया.

पुलिस ने बताया कि बुधवार शाम करीब छह बजे लुधियाना के खन्ना के सीहन दाउद गांव में भवकीरत सिंह को दो मोटरसाइकिल सवार अपहरणकर्ताओं ने उस समय अगवा कर लिया, जब वह अपने घर के बाहर खेल रहा था. लड़के के दादा गुरजंत सिंह ने पुलिस को अपहरण की सूचना दी.

पहली बार मलेरकोटला में देखे गए थे अपहरणकर्ता

पुलिस उप महानिरीक्षक (पटियाला रेंज) मनदीप सिंह सिद्धू ने कहा कि अपहरणकर्ताओं का पता लगाने और बच्चे को बचाने के लिए अलग-अलग टीमें गठित की गईं. सिद्धू ने कहा कि अपहरणकर्ताओं को अपहरण के बाद पहली बार मलेरकोटला में देखा गया था.

उन्होंने बताया कि मामले की विस्तृत जांच में दो व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया और उनसे पूछताछ से मामले में महत्वपूर्ण सुराग मिले. पुलिस ने बताया कि मुख्यमंत्री भगवंत मान और पुलिस महानिदेशक गौरव यादव व्यक्तिगत रूप से मामले की निगरानी कर रहे थे.

एक करोड़ रुपये की मांगी थी फिरौती

मनदीप सिंह सिद्धू बताया कि अपहरणकर्ताओं ने लड़के के परिवार से एक करोड़ रुपये की फिरौती मांगी थी. डीआईजी ने बताया कि मुख्य आरोपी के पटियाला के नाभा में मंडोर गांव के पास होने का पता चला, जो एक एसयूवी कार में सवार था.

सिद्धू ने बताया कि आरोपियों ने पीछा कर रही पुलिस टीम पर गोलियां चलाईं, जिससे तीन पुलिसकर्मी घायल हो गए. जवाबी कार्रवाई में मुख्य आरोपी जसप्रीत सिंह गंभीर रूप से घायल हो गया और बाद में उसकी मौत हो गई.

उन्होंने बताया कि एसयूवी की तलाशी लेने पर पुलिस टीम ने बच्चे को बरामद किया. उन्होंने बताया कि डीजीपी यादव ने पुलिस टीम को 10 लाख रुपये का नकद इनाम देने की घोषणा की है, जिसमें खन्ना पुलिस, पटियाला पुलिस और मलेरकोटला पुलिस के कर्मी शामिल थे.

अमरगढ़ इलाके के रहने वाले हैं दो आरोपी

पुलिस के मुताबिक, जसप्रीत भी सीहन दाउद गांव का रहने वाला था, जहां से लड़के का अपहरण किया गया था. गिरफ्तार किए गए दो अन्य आरोपियों की पहचान हरप्रीत सिंह और रवि भिंडर के रूप में हुई है, जो मलेरकोटला जिले के अमरगढ़ इलाके के रहने वाले हैं.

बाद में वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा भवकीरत के साथ उसके घर पहुंचे और उसे खन्ना में उसके माता-पिता को सौंप दिया.

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