Haryana News: हरियाणा कांग्रेस में सियासी खींचतान अब बार फिर तेज हो गई है. हुड्डा और टीम SRK में गुटबाजी लगातार बढ़ती जा रही है. यहीं नहीं अब ये गुटबाजी का मामला कांग्रेस हाईकमान तक जा पहुंचा है. एक तरफ पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिह हुड्डा और उसके बेटे व राज्यसभा सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा जोरशोर से चुनाव प्रचार में लगे है तो वहीं दूसरी तरफ टीम SRK के कुमारी शैलजा, रणदीप सुरजेवाला और किरण चौधरी भी चुनावी कमान संभाले हुए है. इन दोनों गुटों में दावेदारी की बात करें तो हुड्डा खेमा ज्यादा मजबूत माना जाता है. आखिर टीम SRK के मुकाबले हुड्डा खेमा क्यों ज्यादा मजबूत माना जाता है. इसे हम आपको 3 प्वाइंट में बताते है.


हुड्डा ने समर्थन में पार्टी विधायक
हरियाणा में इस समय कांग्रेस के 30 विधायक है जिसमें से 90 प्रतिशत विधायक पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिह हुड्डा खेमें को सपोर्ट करते है. अपने खेमे की मजबूती के दम पर ही हुड्डा आलाकमान की तरफ से बिना सीएम का चेहरा घोषित हुए ही बड़े जोर-शोर से चुनावी संभाए कर रहे है. दूसरी तरफ उनके बेटे राज्यसभा सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा भी पिता के साथ-साथ चुनावी कमान संभाले हुए है. हुड्डा की तरफ से किए जा रही विपक्ष आपके समक्ष कार्यक्रम में उनको समर्थकों की एक भारी भीड़ दिखाई देती है.


प्रदेश अध्यक्ष उदयभान भी हुड्डा खेमे के
हुड्‌डा की ताकत का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि हरियाणा कांग्रेस में प्रदेश अध्यक्ष चौधरी उदयभान को उन्हीं की मर्जी से लगाए गए है. हुड्डा खेमे के विरोध की वजह से ही अशोक तंवर ने हरियाणा कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष ने इस्तीफा दिया था. इसके बाद कुमारी शैलजा को हरियाणा कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया गया. लेकिन फ्री हैंड ना मिलने की वजह से उन्होंने भी इस्तीफा दे दिया था. प्रदेश अध्यक्ष हुड्डा खेमे के होने की वजह से भी उनका पलड़ा भारी है.


2 बार मुख्यमंत्री रह चुके है हुड्डा
भूपेंद्र सिह हुड्डा दो बार हरियाणा के मुख्यमंत्री रह चुके है. एक बड़ी वजह से भी है कि उनका खुद का एक बड़ा जनाधार है. 10 साल तक उन्होंने सरकार चलाई है. यहीं नहीं हुड्डा सोनिया गांधी के साथ-साथ राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के भी करीबी माने जाते है. 


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