Haryana News: हरियाणा में सरकार के खिलाफ सरपंचों का विरोध बढ़ता जा रहा है. ई टेंडरिंग के खिलाफ लंबे समय से चल रहा सरपंचों का विरोध अब और गति पकड़ने लगा है. रविवार को हिसार में हरियाणा सरपंच एसोसिएशन की प्रदेश स्तरीय कार्यकारिणी की बैठक हुई. बैठक में प्रदेशभर के अनेक जिलों से आए सरपंचों ने हिस्सा लिया. इस बैठक के दौरान निर्णय लिया गया है. सरपंच अब बीजेपी-जेजेपी (BJP-JJP) को समर्थन देने वाले निर्दलीय विधायकों (Independent MLA) के घरों के बाहर धरना देंगे. 


सरपंचों की इस बैठक की अध्यक्ष बाढड़ा ब्लॉक प्रधान रामचंद्र श्योराण और हिसार जिला प्रधान नरसिंह दूहन ने की. बैठक के दौरान 25 सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया. सरपंच एसोसिएशन ने नरवाना डीसीपी द्वारा की गई कार्रवाई की निंदा करते हुए कहा कि अगर झूठे मुकदमे दर्ज हुए तो वो धरने पर जाने को मजूबर हो जाएंगे. 


सरपंच विधायकों के घरों के बाहर देंगे धरना 
हरियाणा सरपंच एसोसिएशन की प्रदेश स्तरीय कार्यकारिणी की बैठक में प्रदेश के 58 विधायकों के घरों के बाहर धरना देने का फैसला किया है. उनका कहना है कि अगर फिर भी उनकी मांगें नहीं मानी गई तो वो अपना विरोध प्रदर्शन और तेज कर देंगे ट्रैक्टर मार्ग निकालेंगे, यही नहीं विधानसभा का घेराव भी किया जाएगा. सरपंचों ने कहा कि सरकार के खिलाफ उनका आंदोलन जारी रहेगा. वो सरकार के तानाशाही रवैये को बर्दाश्त नहीं करने वाले. उन्होंने कहा कि विधायकों सांसदों की तरह ही सरपंच भी चुनाव लड़कर ही चुने जाते है. वहीं बैठक में मौजूद सरपंचों मे सरकार के ट्रेनिंग प्रोग्राम की बैठक का भी बायकॉट करने का फैसला किया है. 


ये है सरपंचों की मांगें
पूरे हरियाणा में विरोध कर रहे सरपंचों की मांग है कि ई टेंडरिंग निति को सरकार द्वारा वापस लिया जाए, सरकार द्वारा काटे गए BPL कार्ड दोबारा बनाए जाए, फैमिली आईडी पूर्ण रूप से बंद की जाए, राइट टू रिकॉल मुख्यमंत्री, विधायक, सांसदों पर भी लागू हो. वही संविधान के 73वें संशोधन की 11वीं सूची के 29 नियम पूर्ण रूप से लागू किया जाएं, सरपंचों का मानदेय 30 हजार तो पंचों का मानदेय 5 हजार किया जाए. 


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