Haryana News: किसान एक बार फिर सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतरने की तैयारी में है. सरकार के खिलाफ आंदोलन को लेकर क्या रणनीति रहनी है. इसके लिए आज हरियाणा के सोनीपत जिले के गोहाना में किसान महापंचायत का आयोजन किया जा रहा है. किसानों का कहना है कि दिल्ली की सीमाओं पर हुए किसान आंदोलन की वजह से तीन कृषि कानून तो वापस ले लिए गए, लेकिन  एमएसपी गारंटी कानून, स्वामीनाथन रिपोर्ट को अभी तक लागू नहीं किया गया है. जिसको लेकर अब हरियाणा, पंजाब और यूपी के किसान केंद्र सरकार के खिलाफ हुंकार भरने की तैयारी में है.


युवाओं को सौंपी गई जिम्मेदारी
इस बार किसानों को एकजुट करने की जिम्मेदारी युवाओं को सौंपी गई है. महापंचायत को लेकर संयुक्त किसान मोर्चा के युवा नेता अभिमन्यु कोहाड़ ने कई जिलों में जाकर किसानों से मुलाकात की. कोहाड़ ने सरोहा खाप के जनप्रतिनिधियों से भी 10 सितंबर को गोहाना में होने वाली महापंचायत को लेकर विचार विमर्श किया. सरोहा खाप प्रतिनिधियों से मुलाकात के दौरान अभिमन्यु कोहाड़ ने 8 सूत्रीय मांग रखी. 


मृतक किसानों के परिजनों को नौकरी की मांग
किसानों का कहना है कि भूमि अधिग्रहण बिल 2013 को एक बार फिर से लागू करवाना अब उनका मकसद बन गया है. वहीं किसानों की मांग है कि किसान आंदोलन के समय करीब 150 किसानों ने अपनी जान गंवाई थी. उन किसानों के परिवारों को सरकारी नौकरी दी जाए. इसके अलावा कई अन्य मांगों को लेकर भी गोहाना की महापंचायत में विचार विमर्श होगा.


जनता को जाति धर्म के नाम पर बांट रही सरकार
अभिमन्यु कोहाड़ ने कहा कि सरकार कई मुद्दो पर विफल नजर आई है. बेरोजगारी बढ़ती जा रही है. सरकार जनता को धर्म और जाति के नाम पर बांटने में लगी है. किसान नेता अभिमन्यु कोहाड़ ने कहा कि, इस देश को बनाने में हर धर्म और जाति के लोगों का एक समान योगदान है. एक देश एक चुनाव पर बोलते हुए अभिमन्यु कोहाड़ ने कहा कि सरकार पहले किसानों के लिए एक देश एक कर्ज माफी कानून लेकर आए. इसके बाद चुनाव की बात करें. 


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