Haryana News: हरियाणा के सरकारी अस्पतालों की ओपीडी बुधवार को बंद रहने वाली है. सरकारी अस्पतालों के डॉक्टर अपनी मांगों को लेकर हड़ताल पर चले गए हैं. हरियाणा सिविल मेडिकल सर्विसेज एसोसिएशन की तरफ से ये घोषणा की गई है कि अगर बुधवार को सरकार ने डॉक्टरों की मांगे नहीं मानी तो वो 29 दिसंबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे. ओपीडी बंद रहेगी, लेकिन इमरजेंसी और ट्रॉमा सेंटर में काम होगा. इसके अलावा अस्पताल में नए मरीज भर्ती नहीं किए जाएंगे.


क्या है डॉक्टरों की मांग?



  • डॉक्टरों के लिए राज्य सरकार अलग से कैडर बनाए.

  • पीजी के लिए बॉन्ड राशि एक करोड़ से घटाकर पचास लाख की जाए.

  • सीएमओ की सीधी भर्ती पर रोक लगाई जाए.

  • डॉक्टरों के खाली पद भरे जाएं.


स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज से हो सकती है मीटिंग


हरियाणा सिविल मेडिकल सर्विसेज एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. राजेश ख्यालिया ने जानकारी देते हुए बताया कि उनकी हेल्थ डिपार्टमेंट के डीजी डॉ आरएस पूनिया के साथ बातचीत हो चुकी है, लेकिन उसमें कोई हल नहीं निकल पाया. इसके बाद अब उनकी बुधवार को स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज से मीटिंग कराई जा सकती है.


डॉक्टरों की हड़ताल से बढ़ सकती हैं मुश्किलें


इससे पहले भी हरियाणा के सरकारी अस्पतालों के डॉक्टर हड़ताल कर चुके हैं. करीब दो घंटे तक अस्पतालों की ओपीडी को बंद रखा गया था. इसके बाद जब उनकी मांगे नहीं मानी गई तो बुधवार को फिर डॉक्टर हड़ताल पर चले गए हैं. प्रदेश में ठड़ बढ़ते के साथ-साथ मौसमी बिमारियां लोगों को घेर रही हैं. ऐसे में ओपीडी में रोजाना संख्या में मरीज इलाज करवाने के लिए पहुंचते हैं. वहीं दूसरी तरह कोरोना के नए वेरिएंट का खतरा भी मंडरा रहा है. डॉक्टरों की हड़ताल मरीजों की परेशानी बढ़ा सकती है. 29 दिसंबर से अगर डॉक्टर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाते हैं तो मरीजों को और ज्यादा परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है. 


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