Haryana Government Hikes Sugarcane Price : हरियाणा में गन्ना किसानों के प्रदर्शन और चीनी मिलों में तालाबंदी को देखते हुए मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर (Manohar Lal Khattar) ने बुधवार को गन्ने की कीमत में 10 रुपए प्रति क्विंटल की वृद्धि का एलान किया. इसके साथ ही गन्ने की कीमत बढ़कर 372 रुपये प्रति क्विंटल हो गई है.


इस मौके पर सीएम खट्टर ने गन्ने की कीमत में वृद्धि की मांग को लेकर चीनी मिलों में तालाबंदी कर प्रदर्शन करने वालों पर निशाना भी साधा. खट्टर ने कहा कि विपक्षी पार्टियां और कुछ किसान संघ गन्ने की कीमत वृद्धि के नाम पर राजनीति कर रहे हैं.उन्होंने कहा कि चीनी मिलों की हालत अच्छी नहीं है. इस वक्त प्रदेश में चीनी मिलों को सालाना 5,293 करोड़ रुपये का नुकसान हो रहा है. इसके बाद भी किसानों के हित में जो भी बेहतर हो सकता था, वो कर रही है.


किसान हितों की रक्षा राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता


गन्ने की कीमत में वृद्धि करने के साथ ही उन्होंने कहा कि मैं किसानों से आग्रह करता हूं कि कीमतों में बढ़ोतरी के बाद अब वे अपना गन्ना मिलों में लाना शुरू कर दें, ताकि मिलें सुचारू रूप से चल सके.उन्होंने कहा कि चीनी मिलों का बंद होना न तो किसानों के हित में है और न ही मिलों के हित में ही है.मुख्यमंत्री ने कहा कि चीनी की मौजूदा कीमत उम्मीद के मुताबिक नहीं बढ़ी है. इसके बावजूद हरियाणा सरकार दूसरे राज्यों के मुकाबले अधिक कीमत दे रही है.इसके साथ ही खट्टर ने कहा कि किसानों के हितों की रक्षा करना राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता में है.


किसान कर रहे 450 रुपये प्रति क्विंटल की मांग


गौरतलब है कि हरियाणा के गन्ना किसान गन्ने की कीमत में वृद्धि की मांग को लेकर लंबे समय प्रदर्शन कर रहे हैं. इन लोगों की मांग है कि किसान गन्ने की कीमत 362 रुपये से बढ़ाकर 450 रुपये प्रति क्विंटल किया जाए. अपनी मांगें नहीं माने से जाने से नाराज किसानों के प्रदेश की चीनी मिलों पर ताला जड़ दिया है, जिससे चीनी मिलों में उत्पादन ठप पड़ा है. 


समय पर भुगतान का आश्वासन


इस मौके पर खट्टर ने गन्ना किसानों को समय पर भुगतान का आश्वासन भी दिया. उन्होंने कहा कि वर्ष 2020-21 में कुल 2,628 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया है, यानी इस साल कोई भी बकाया लंबित नहीं है. इसके साथ ही सीएम खट्टर ने कहा कि सहकारी चीनी मिलों को भी एक सप्ताह के भीतर किसानों को भुगतान करने का निर्देश दिया गया है. इसके साथ ही उन्होंने किसानों को यह पेशकश भी की है कि अगर किसान चीनी मिल चलाना चाहते हैं तो सरकार इस पर भी गौर करने के लिए तैयार है. 


सरसो के नुकसान की होगी भरपाई


इस बीच मुख्यमंत्री ने कहा कि इस वर्ष कड़ाके की ठंड की वजह से सरसों की फसल को नुकसान होने की खबर है. लिहाजा, नुकसान का आकलन करने के लिए 5 फरवरी से नियमित राजस्व सर्वेक्षण शुरू की जाएगी. इसके आधार पर किसानों को हुए नुकसान की भरपाई के लिए मुआवजा दिया जाएगा.


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