AI तकनीक से सचखंड श्री हरमंदिर साहिब की आपत्तिजनक वीडियो वायरल होने पर जत्थेदार श्री अकाल तख्त साहिब और सचखंड श्री हरमंदिर साहिब के हेड ग्रंथि ने सख्त नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि राज्य और केंद्र सरकार को इस पर कड़ा संज्ञान लेते हुए आरोपियों को जल्द गिरफ्तार करके सख्त सजा दी जानी चाहिए. ताकि भविष्य में कोई इस तरह की हिम्मत न कर सके.
हेड ग्रंथि ने कहा कि जिस तरह सरकार ने कुछ गेमिंग ऐप पर पाबंदी लगाई है तो AI पर भी इस तरह की पाबंदी लगाई जानी चाहिए, उन्होंने आगे कहा कि अगर मामला सिखों की बजाय किसी और धर्म से संबंधित होता तो सरकार ने तुरंत सख्त कार्रवाई करके आरोपियों को पकड़ लिया जाता.
कुछ महीने पहले एसजीपीसी की मिली थी धमकी भरी ईमेल
आगे उन्होंने कहा कि ना तो इस मामले में राज्य और केंद्र सरकार दोनों विफल हुई है बल्कि कुछ महीने पहले एसजीपीसी को जो धमकी भरी ईमेल आती थी उसके आरोपी भी नहीं पकड़ पाई है. यह सिखों को उकसाने वाली कार्रवाई है, इसको बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है.
जत्थेदार साहिब ने एसजीपीसी को दिए आदेश
जत्थेदार साहिब ने एसजीपीसी को आदेश दिए कि जल्द ही AI माहिरों के साथ मीटिंग बुला कर इसके समाधान को ढूंढे और जत्थेदार साहिब ने देश विदेश में AI एक्सपर्ट सिख युवाओं से भी कहा कि वह इसके समाधान के लिए अपने सुझाव एसजीपीसी और जत्थेदार श्री अकाल तख्त साहिब के दफ्तर भेजें ता कि इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके.
बयान में धामी ने कहा, ''ये एआई वाले वीडियो सिख धर्म के बुनियादी नियम तोड़ते हैं. साथ ही दुनिया भर की धार्मिक भावनाओं को चोट पहुंचाते हैं. श्री दरबार साहिब सिखों का मुख्य तीर्थ है. यहां से पूरी दुनिया को भाईचारे का पैगाम दिया जाता है, लेकिन कुछ लोग तकनीक का गलत फायदा उठा रहे हैं. इससे संगत की भावनाओं को गहरा आघात लग रहा है.''
एसजीपीसी अध्यक्ष ने चिंता जताते हुए कहा कि कुछ लोग फर्जी वीडियो रोकने के बजाय उन्हें अपने पेज पर शेयर कर रहे. ये दिखाने के लिए कि कुछ बुरा हो रहा है. ये और दर्दनाक है. उन्होंने अपील करते हुए लोगों से कहा कि वीडियो को बढ़ावा न दें. बल्कि रिपोर्ट कर ब्लॉक करें.