रोहतक की सुनारिया जेल में बंद डेरा सच्चा सौदा सिरसा प्रमुख गुरमीत राम रहीम की बुधवार को पंजाब के फरीदकोट सीजेएम की अदालत में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेशी हुई है. राम रहीम के पेशी साल 2015 के बरगाड़ी बेअदबी मामले से संबंधित तीनों घटनाओं के मामले में हुई. वहीं इस सुनवाई के दौरान पंजाब पुलिस की विशेष जांच टीम (एसआईटी) आरोपी के चालान की कॉपियां पेश नहीं कर सकी. इस वजह से अदालत ने सुनवाई 16 मई तक स्थगित करते हुए सरकारी पक्ष को अगली सुनवाई के समय कापियां उपलब्ध करवाने के आदेश दिए.


राम रहीम के साथ इस सुनवाई के दौरान जमानत पर चल रहे डेरा सिरसा के 7 अनुयायी भी हाजिर रहे. इसके साथ ही राम रहीम की तरफ से पैरवी करने के लिए दिल्ली, चंडीगढ़ व बठिंडा समेत फरीदकोट के वकीलों का पैनल पहुंचा हुआ था. पिछले महीने फरीदकोट की अदालत ने सुनारिया (रोहतक) के सेंट्रल जेल के अधीक्षक को बेअदबी के दो मामलों में चार मई को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए राम रहीम को पेश होने के लिए निर्देश दिया था. 


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इस सुनावाई के दौरान अदालत ने कहा कि साल 2015 में बाजाखाना पुलिस थाने में दर्ज दो आपराधिक मामलों में आरोपी की मौजूदगी जरूरी है. डेरा प्रमुख को दो आपराधिक मामलों में दोषी ठहराए जाने के बाद सुनारिया जेल में बंद कर दिया गया था. इसके बाग पुलिस द्वारा 27 फरवरी को दिए गए पूरक चालान के आधार पर डेरा प्रमुख को आरोपी बनाया गया था. ये मामले बरगारी के एक गुरुद्वारे के पास कथित रूप से अपमानजनक पोस्टर चिपकाने और सितंबर और अक्टूबर 2015 में बरगारी में गुरु ग्रंथ साहिब के 'बीर' के फटे पन्नों को बिखेरने से संबंधित हैं. इस केस में चार्जशीट किए जाने के बाद डेरा प्रमुख ने पंजाब हरियाणा उच्च न्यायालय में याचिकाएं दाखिल की थी. जिसके लिए बुधवार को फरीदकोट की अदालत में सुनवाई शुरू हुई.