Punjab News: किसान मजदूर मोर्चा (इंडिया) ने इलेक्ट्रिसिटी अमेंडमेंट बिल 2025, शंभू-खनौरी मोर्चा के नुकसान के मुआवजे और दूसरे ज़रूरी मुद्दों को लेकर पंजाब में बड़े आंदोलन का ऐलान किया है. संगठन ने ऐलान किया है कि 18 दिसंबर यानी आज से पूरे पंजाब में डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट (DC) ऑफिस के बाहर विरोध प्रदर्शन शुरू किए जाएंगे. अगर सरकार नहीं सुनती है तो 20 दिसंबर से रेल रोको आंदोलन किया जाएगा.
यह जानकारी किसान मजदूर मोर्चा इंडिया ने शेयर की है. इस बीच, सीनियर लीडर सरवन सिंह पंधेर ने कहा कि संगठन ने 1 दिसंबर को ही सरकार को एक मेमोरेंडम दिया था, लेकिन अभी तक कोई ठोस जवाब नहीं मिला है.
इलेक्ट्रिसिटी अमेंडमेंट बिल 2025 वापस लेने की मांग
सरवन सिंह पंधेर ने कहा कि किसानों और मजदूरों की मुख्य मांग है कि केंद्र सरकार इलेक्ट्रिसिटी अमेंडमेंट बिल 2025 को तुरंत रद्द करे. इसके साथ ही पंजाब सरकार से यह भी मांग की गई है कि वह इस बिल के खिलाफ विधानसभा में सभी पार्टियों की सहमति से प्रस्ताव पास करे. उन्होंने बिजली विभाग के प्राइवेटाइजेशन को रोकने, कॉन्ट्रैक्ट सिस्टम को खत्म करने और परमानेंट कर्मचारियों की भर्ती करने, और जबरन प्रीपेड मीटर लगाने की प्रक्रिया को रोकने की मांग की.
जीरो टैरिफ एग्रीमेंट का भारतीय खेती पर बुरा असर
सरवन सिंह पंधेर ने कहा कि US के साथ जीरो टैरिफ एग्रीमेंट और दूसरे देशों के साथ फ्री ट्रेड एग्रीमेंट की वजह से किसानों, मजदूरों और बाजारों पर बुरा असर पड़ रहा है. कॉटन, मक्का, सोयाबीन और दूध के प्रोडक्ट्स के इम्पोर्ट से देश की खेती को नुकसान हो रहा है. इन सभी एग्रीमेंट्स को तुरंत कैंसिल किया जाना चाहिए.
इसके साथ ही ड्राफ्ट सीड बिल 2025 को वापस लेकर बीज प्रोडक्शन को कॉर्पोरेट हाथों में सौंपने की कोशिश को रोका जाना चाहिए. पंधेर ने आरोप लगाया कि पंजाब सरकार ने शंभू और खनौरी बॉर्डर पर चल रहे 14 महीने से चल रहे किसान मजदूर मोर्चे को जबरदस्ती खत्म कर दिया. इस दौरान नेताओं को गिरफ्तार किया गया, ट्रैक्टर-ट्रॉलियों और आंदोलन के इक्विपमेंट को नुकसान पहुंचाया गया. उन्होंने करीब 3 करोड़ 77 लाख रुपये के मुआवजे की मांग की.
किसानों पर दर्ज केस वापस लेने की मांग
पंधेर ने कहा कि दिल्ली किसान आंदोलन-1, किसान आंदोलन-2 और पंजाब में हुए आंदोलनों के दौरान दर्ज सभी केस तुरंत वापस लिए जाने चाहिए. रेलवे डिपार्टमेंट की तरफ से भेजे गए नोटिस भी कैंसिल किए जाएं. आंदोलन में मारे गए किसानों के परिवारों को मुआवजा और नौकरी दी जाए, जबकि घायलों को आर्थिक मदद दी जाए.
पंधेर ने कहा कि मानसून के दौरान आई बाढ़ से पंजाब में भारी नुकसान हुआ है. उन्होंने मृतकों के परिवारों को 1 करोड़ रुपये, पूरी तरह से क्षतिग्रस्त घरों के लिए 100% मुआवजा, फसलों के लिए 70 हजार रुपये प्रति एकड़ और गन्ने के लिए 1 लाख रुपये प्रति एकड़ मुआवजा देने की मांग की. इसके साथ ही मवेशियों, खेत मजदूरों और बसे हुए परिवारों को भी उचित राहत दी जाए.
आज से विरोध, 20 से रेल रोको आंदोलन
किसान मजदूर मोर्चा भारत ने चेतावनी दी है कि अगर 18 दिसंबर से शुरू हो रहे विरोध के बाद भी सरकार मांगों पर गंभीरता से विचार नहीं करती है, तो यह आंदोलन 20 दिसंबर से रेल रोको आंदोलन में बदल जाएगा. इसकी पूरी जिम्मेदारी केंद्र और पंजाब सरकार की होगी.