Delhi Farmers Protest: किसान आंदोलन का सोमवार को 14 वां दिन है. शंभू बॉर्डर और खनौरी बॉर्डर पर किसान दिल्ली कूच की तैयारी को लेकर डटे हुए हैं. शंभू बॉर्डर पर मीडिया से बातचीत के दौरान एक किसान नेता ने कहा कि हमें हमें (किसानों को) अभी तक (सरकार से) कोई संदेश नहीं मिला है. बातचीत का रास्ता हमेशा खुला है. हम यहां बातचीत के लिए धरना दे रहे हैं. इसलिए, जब भी कोई बैठक होगी, हम बैठक में शामिल होंगे. 


किसान मजदूर मोर्चा और एसकेएम (गैर राजनीतिक) की कल अलग-अलग मीटिंग है. 28 फरवरी को संयुक्त बैठक की जाएगी, जिसमें पूरे देश के किसान नेता शामिल होंगे. पूरे दिन चर्चा कर 29 फरवरी को फैसला किया जाएगा कि किसान आंदोलन की आगे की रणनीति क्या रहेगी. किस तरह से आंदोलन को मजबूत करना है और दिल्ली कूच को लेकर भी 29 फरवरी को ही फैसला लिया जाएगा.


‘सरवन सिंह पंढेर की भी आई प्रतिक्रिया’
वहीं किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने कहा कि शंभू बॉर्डर और खनौरी बॉर्डर पर बैठे दोनों मोर्चों ने अपील की है कि आज 26 फरवरी को पूरे भारत के गांवों में WTO, कॉरपोरेट घरानों और सरकारों की अर्थियां जलाई जाएं. इसके साथ ही दोपहर बाद लोग दोनो बॉर्डरों पर पहुंचे. खनौरी बॉर्डर पर WTO, कॉरपोरेट घरानों और सरकारों का पुतला फूंका जाएगा.


किसान नेता ने कहा कि दिल्ली आंदोलन से पहले हम देशभर में गए थे. तमिलनाडू और केरला से भी हमें किसान संगठनों का समर्थन मिला था. बिहार, मध्य प्रदेश, हरियाणा और यूपी से भी हमें किसान जत्थेबंदियों ने समर्थन दिया था. 9-10 राज्यों की 200 जत्थेबंदियों ने हमें समर्थन दिया है. सरकार दवाब में है दिल्ली के बैरिकेट खोल दिए लेकिन यहां के अभी नहीं खोले है. इसलिए मांगें मनवाने के लिए किसान मोर्चों में शामिल हो.


पुलिस ने NH-44 पर सर्विस लाइन को खोला
किसानों के दिल्ली कूच को लेकर बंद किए गए नेशनल हाईवे 44 को दिल्ली पुलिस की तरफ से खोल दिया गया है. कुंडली सिंधु बॉर्डर सर्विस लाइन से वाहनों की आवाजाही शुरू हो गई है.


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