Haryana News: हरियाणा के नूंह में 31 जुलाई को हुई हिंसा को लेकर हिन्दू और मुस्लिम समुदाय के लोग एक दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं. वहीं इस हिंसा के दौरान एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसमें तीन हिन्दू युवकों को एक मुस्लिम युवक ने ना सिर्फ छुपने की जगह दी, बल्कि उन्हें खाना भी खिलाया और सुरक्षित जगह पर भी पहुंचाया. लेकिन जब नूंह में बुलडोजर की कार्रवाई हुई तो हिन्दू युवकों को पनाह देने वाले उस मुस्लिम युवक का घर भी ढहा दिया गया. जिसको लेकर हिंदू युवक का कहना है कि हिंसा में मुस्लिम युवक अनीश की जरा सी भी भागीदारी नहीं थी. 


अनीश ने अपने घर में दी थी पनाह


द हिन्दू की एक रिपोर्ट के अनुसार, 31 जुलाई को हिसार के रहने वाले रविंदर फोगाट अपने दो दोस्तों के साथ नूंह गए थे. इस दौरान जब हिंसा हुई तो वो तीनों अपनी जान बचाने के लिए ठिकाना ढूंढ रहे थे. तब उन्हें अनीश नाम के युवक अपने घर में पनाह दी. अनीश ने उन्हें खाना भी खिलाया और फिर सुरक्षित जगह पर पहुंचाया. करीब 6 दिन बाद अनीश के घर पर बुलडोजर चला दिया गया. हिसार निवासी रविंदर फोगाट की तरफ से पुलिस को ये जानकारी देने के लिए की अनीश की हिंसा में कोई भागीदारी नहीं है कई फोन किए लेकिन तब तक उसका घर तोड़ा जा चुका था.


रविंदर ने दर्ज कराई एफआईआर


दरअसल, मुस्लिम समुदाय से आने वाले अनीश का घर गुरुग्राम-अलवर राष्ट्रीय राजमार्ग के सामने है. प्रशासन का दावा है कि जब राजमार्ग ये यात्रा निकाली जा रही थी तो इस सड़क पर बने घरों से पथराव किया गया. जिन्हें प्रशासन की तरफ से गिराया गया तो उसमें अनीश का घर भी शामिल था. वहीं हिसार का रहने वाला रविंदर फोगाट कॉन्ट्रेक्टर हैं. वो अपने दो दोस्तों के साथ 31 जुलाई को बड़कली से वापस आ रहे थे. इस दौरान करीब एक बजे नूंह के झंडा पार्क के पास पत्थरबाज़ी होने लगी. वो बचने के लिए भागने लगे तो सामने से भीड़ आ रही थी. वो जान बचाने के लिए एक घर में घुस गए वो घर अनीश का था. उनकी कार में भी आग लगा दी गई थी. वो कुछ घंटे अनीश के घर पर ही रहे. जिसके बाद अनीश ने अपनी कार से उन्हें नूंह के PWD गेस्ट हाउस के पास छोड़ा. वो रातभर वहीं रहे और अगली सुबह सोहना के बीजेपी विधायक संजय सिंह की कार से गुरुग्राम पहुंचे वहां से हिसार आए. रविंदर ने इस मामले में एफआईआर भी दर्ज कराई है. 


3 साल पहले ही नूंह में रहने लगे थे अनीश


रविंदर का कहना है कि अनीश के घर से निकलने से पहले उन्होंने अपना मोबाइल नंबर उसे दिया था और अपने घर आने का निमंत्रण भी दिया था. 6 अगस्त को अनीश का फोन आया तो उसने बताया कि उसके घर को तोड़ा जा रहा है. रविंदर ने तुरंत पुलिस और राजनीति में अपने जान पहचान वाले लोगों से बातचीत की. लेकिन तब तक देर हो चुकी थी और अनीश का घर तोड़ा जा चुका था. वहीं घर तोड़े जाने को लेकर अनीश का कहना है कि जब उनका घर तोड़ा गया तो वो वहां नहीं थे उन्हें कोई नोटिस नहीं दिया गया. वो तीन साल पहले ही नूंह में आकर बसे थे, वे राजस्थान के खैरथल के रहने वाले है. आपको बता दें कि कोर्ट के आदेश के बाद फिलहाल बुलडोजर की कार्रवाई पर रोक लगा दी गई है.


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