Punjab News: पंजाब कांग्रेस विधायक सुखपाल सिंह खैरा को पंजाब पुलिस ने लिया गिरफ्तार कर लिया लिया है. पंजाब पुलिस गुरुवार सुबह-सुबह चंडीगढ़ में सुखपाल खैरा के घर पहुंची और उन्हें अपने साथ ले गई. सुखपाल खैरा ने खुद फेसबुक पर लाइव आकर इसकी जानकारी दी. वीडियो में सुखपाल सिंह पुलिस पूछते दिख रहे हैं कि, 'किस मामले में ये कार्रवाई की जा रही है. साथ ही वो पूछते हीं पंजाब पुलिस के साथ चंडीगढ़ पुलिस का कोई मुलाजिम मौजूद क्यों नहीं है. वहीं सुखपाल के सवालों पर पुलसि कहती हिख रहीं है कि, ये एनडीपीएस के एक मामले में ये कार्रवाई हो रही है.'


पंजाब में बदला राज
बता दें कि, सुबह करीब साढ़े 6 बजे जलालाबाद पुलिस सुखपाल खैरा के चंडीगढ़ घर पहुंची थी. पुलिस ने सिर्फ इतनी जानकारी दी कि एक पुराना एनडीपीएस का मामला है जिसको लेकर पूछताछ के लिए उन्हें ले जाया जा रहा है. जानकारी के मुताबिक यह मामला कोर्ट में चल रहा है. इस मामले में पुलिस 10 बजे के करीब कर बड़ा खुलासा कर सकती है. वहीं सुखपाल खैरा के बेटे मेहताब खैरा ने बताया कि, 2015 के एनडीपीएस के एक मामले में उनके पिता को आज गिरफ्तार किया गया है. मामला सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है. इसके बावजूद भी आज उनकी गिरफ्तारी की गई है. मेहताब खैरा ने कहा कि, सरकार ने बदला खोरी के चलते उनके पिता पर इस तरह का एक्शन लिया गया है.





सुखपाल के बेटे ने क्या कहा?
महताब ने आगे पंजाब के लोगों से कहा कि जिस तरह सुखपाल खैरा पंजाब की हर आवाज को उठाते रहे हैं, इस तरह पंजाब का हर आदमी उनका साथ दें. वहीं गिरफ्तारी के दौरान सुखपाल खैरा और उनके समर्थकों ने सीएम भगवंत मान के खिलाफ नारेबाजी भी की. महताब ने बताया कि सुबह 6 बजे फिरोजपुर पुलिस हमारे घर आई थी और साढ़े 6 बजे तक उनके पिता सुखपाल खैरा को गिरफ्तार करके जलालाबाद ले गए हैं. खैरा ने कहा कि वह कोर्ट का रुख करेंगे और वहीं से न्याय की गुहार लगाएंगे. कांग्रेस नेताओं से अभी तक कोई भी संपर्क नहीं किया गया है.


पहले भी हुई थी कार्रवाई
सुखपाल सिंह खैरा पर इससे पहले भी कार्रवाई हो चुकी है. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने इससे पहले भी उन्हें इस मामले में पूछताछ के लिए बुलाया था, जहां से उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था. ईडी ने आरोप लगाया था कि खैरा ने ड्रग मामले के दोषियों और फर्जी पासपोर्ट रैकेट के सहयोगी हैं. पंजाब हरियाणा में याचिका दाखिल करते हुए खैरा ने हाईकोर्ट को बताया है कि 2015 में एनडीपीएस एक्ट के तहत दर्ज मामला उनके खिलाफ विचाराधीन था. इस मामले के लंबित रहते मनी लॉन्ड्रिंग का केस भी याचिकाकर्ता के खिलाफ दर्ज कर लिया गया. हाईकोर्ट ने जनवरी 2022 में याचिकाकर्ता को इस मामले में सशर्त जमानत दी थी. इसके बाद एनडीपीएस मामले को लेकर उन्होंने सुप्रीम कोर्ट की शरण ली थी.


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