Chandigarh News: भारत में दान और गुप्त दान लोग खूब बढ़ चढ़कर करते हैं. ऐसे में पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च (पीजीआईएमईआर) चंडीगढ़ में एक डॉक्टर ने इंस्टीट्यूट को 10 करोड़ रुपए का गुप्त दान दिया है. दान देने वाले डॉक्टर पीजीआई के एक डिपार्टमेंट के एचओडी रह चुके हैं. दरअसल इंस्टीट्यूट के इतिहास में पहली बार इतनी बड़ी राशि दान के रूप में मिली है. सबसे बड़ी बात यह है कि डॉक्टर अपना नाम उजागर नहीं करना चाहते हैं.


पहले दिया था 50 लाख का दान
दरअसल पीजीआई चंडीगढ़ में ही डॉक्टर की भतीजी का रीनल ट्रांसप्लांट हुआ था. अपनी भतीजी के इलाज के दौरान ही उन्होंने मरीजों की परेशानी को देखा था. मरीजों की परेशानी को देखते हुए उन्होंने दान करने का फैसला लिया. किसे पता था कि डॉक्टर 10 करोड़ की भारी भरकम राशि दान करेंगे. इससे पहले भी वह इस तरह के काम कर चुके हैं. साल 2020 में पीजीआई को डॉक्टर दंपती ने 50 लाख का दान दिया था.


इतने मरीजों की हुई मदद
वहीं पिछले साल पीजीआई ने लोगों से गरीब मरीजों की मदद के लिए दान करने का आग्रह किया था. इंस्टीट्यूट में एक गरीब मरीज कल्याण कोष भी है, जो जरूरतमंद मरीजों को सहायता प्रदान करने में मदद करता है. वहीं पीजीआई में साल 2019 और 2020 में 2,858 गरीब मरीजों को 1.49 करोड़ रुपए की चिकित्सा सहायता प्रदान की गई थी. वहीं 2020 से 2021 के दौरान लगभग 3,248 मरीजों को 1.39 करोड़ रुपए की मदद की गई थी.


पीजीआई में मुफ्त इलाज फिर से शुरू
वहीं दान से अलग पिछले महीने ही आयुष्मान भारत योजना के तहत पीजीआई चंडीगढ़ में मुफ्त इलाज फिर से शुरू किया गया है. पीजीआई में प्रत्येक महीने पंजाब के लगभग 1,200 से 1,400 रोगियों का आयुष्मान बीमा योजना के तहत इलाज किया जाता है.


ये भी पढ़ें- 
Punjab: पराली के प्रदूषण को रोकने के लिए साथ आईं पंजाब और दिल्‍ली सरकार, जल्द शुरू होगा पायलट प्रोजेक्‍ट



Seed Subsidy Scheme: गेहूं के बीज पर अनुदान के लिये आवेदन का झंझट नहीं, बीज खरीद के बिल पर ही सब्सिडी मिलेगी