Punjab News: पंजाब के अजनाला में हुई हिंसा की वजह से जहां एक तरफ पंजाब सरकार विपक्ष के सवालों से घिरती नजर आ रही है. वही अब केंद्रीय एजेंसियों ने पंजाब पुलिस पर सवाल उठाया है. केंद्रीय एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार इस घटना में पंजाब पुलिस के अधिकारियों की लापरवाही भी सामने आई है. पुलिस अगर ढुलमुल रवैया ना अपनाकर गंभीरता दिखाती तो थाने पर ऐसी हिंसक घटना ना हो पाती. केंद्रीय एजेंसियों का कहना है कि अगर अमृतपाल सिंह को उसके गांव जल्लूपुर खेड़ा में ही रोक लिया जाता था, अजनाला हिंसा ना होती. 


केंद्रीय एजेंसियों ने पंजाब पुलिस पर खड़े किए सवाल
केंद्रीय एजेंसियों ने पंजाब पुलिस पर सवाल उठाते हुए कहा कि अमृतपाल सिंह द्वारा तीन दिनों से प्रचार किया जा रहा था कि अजनाला थाने का घेराव करेगा, यहां तक कि पंजाब पुलिस के कुछ अधिकारियों के आदेश पर अमृतपाल सिंह के काफिले को श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी के प्रकाश वाली गाड़ी को अजनाला आने के लिए रास्ता दिया गया. जिसकी वजह से अमृतपाल सिंह के अजनाला पहुंचने तक उनके समर्थकों की संख्या बढ़ती गई. केंद्रीय एजेंसियों का कहना है कि अगर पंजाब पुलिस चाहती तो श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी के स्वरूप वाली गाड़ी को काफिले से अलग भी कर सकती थी लेकिन फिर भी ऐसा नहीं किया गया. 


अमृतपाल सिंह को विदेशों से होती है फंडिंग 
केंद्रीय एजेंसियों की रिपोर्ट में कहा गया है कि देश विरोधी गतिविधियों को चलाने के लिए अमृतपाल सिंह को विदेशों से भी आर्थिक मदद मिलती है. यह राशि कैसे मिलती है और अमृतपाल तक कैसे पहुंचाई जाती है ये जांच का विषय है. रिपोर्ट में कहा गया कि जब छह जिलों की पुलिस अजनाला और आसपास के क्षेत्रों में तैनात की गई थी तो कुछ लोगों का काफिला कैसे अजनाला थाने तक पहुंच गया और इस काफिले में हथियारों के लैस लोग भी मौजूद थे. 


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