Amritpal Singh Assets: वारिस पंजाब दे संगठन का मुखिया अमृतपाल सिंह पंजाब की खडूर साहिब सीट से निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़ रहा है. अमृतपाल सिंह को राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम के तहत गिरफ्तार कर असम की डिब्रूगढ़ जेल में रखा गया है. अमृतपाल सिंह ने गुरुवार को असम की डिब्रूगढ़ जेल में अपना नामांकन पत्र भरा. जिसके बाद उसके चाचा ने शुक्रवार को तरनतारन जिले में नामांकन दाखिल किया है. 


चुनावी हलफनामे के अनुसार अमृतपाल सिंह के पास अमृतसर के रय्या बाबा बकाला के एसबीआई बैंक में 1,000 रुपए का बैंक बैलेंस है. इसके अलावा अमृतपाल सिंह के पास कोई चल या अचल संपत्ति नहीं है.


अमृतपाल की पत्नी लाखों की मालकिन
बता दें कि 31 वर्षीय अमृतपाल सिंह खडूर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ रहा है. जहां उसके पास संपत्ति के नाम पर एसबीआई बैंक में मात्र 1 हजार रुपए है. वहीं उसकी पत्नी लाखों की मालकिन है. किरणदीप कौर के पास 18.37 लाख रुपए की चल संपत्ति है. जिसमें से 20,000 हजार रुपए नकद, 14 लाख रुपये के सोने के आभूषण और 4,17,440 रुपए के बराबर 4,000 जीबीपी (पाउंड) शामिल हैं, जो रेवोल्यूट लिमिटेड, लंदन, यूके में खाते में हैं.


अमृतपाल सिंह को उसके माता-पिता पर निर्भर दिखाया गया है जबकि उनकी पत्नी ब्रिटिश नागरिक हैं. हलफनामे के अनुसार किरणदीप कौर यूके में राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवाओं में भाषा अनुवादक के रूप में काम करती थीं, लेकिन अब वे एक गृहिणी हैं. अमृतपाल सिंह ने घोषणा की है कि उनके खिलाफ 12 आपराधिक मामले लंबित हैं, हालांकि उन्हें किसी भी मामले में दोषी नहीं ठहराया गया है.


अजनाला की घटना के सुर्खियों में आया था अमृतपाल
आपको बता दें कि अमृतपाल सिंह अपने नौ सहयोगियों के साथ 23 अप्रैल 2023 असम की डिब्रूगढ़ जेल में बंद हैं. अमृतपाल सिंह मैट्रिक तक पढ़ा हुआ है. उसने अमृतसर के फेरुमन के एक स्कूल से 2008 में मैट्रिक की परीक्षा पास की थी. अमृतपाल पिछले साल 18 मार्च को जालंधर जिले से पुलिस की गिरफ्त से भाग लगा था.


23 फरवरी को अजनाला की घटना के बाद पंजाब पुलिस ने अमृतपाल के खिलाफ कार्रवाई शुरू की थी. अजनाला थाने में अमृतपाल और उनके समर्थकों ने तलवारें और बंदूकें लहराई थी. अपने साथी लवप्रीत सिंह तूफान की रिहाई के लिए अमृतपाल अपने समर्थकों के साथ थाने में घुसा था इस दौरान पुलिस के साथ उनकी झड़प भी हुई थी. जिसको लेकर पुलिस अमृतपाल पर हत्या का प्रयास, पुलिस कर्मियों पर हमला और लोक सेवकों द्वारा कर्तव्य के वैध निर्वहन में बाधा उत्पन्न करने से संबंधित कई आपराधिक मामले दर्ज किए थे.


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