पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री और भारतीय जनता पार्टी के नेता अमरिंदर सिंह ने शुक्रवार (12 दिसंबर) को भारतीय जनता पार्टी (BJP) के कामकाज की आलोचना करते हुए कहा कि कांग्रेस के विपरीत, पार्टी उनसे परामर्श नहीं कर रही है. हालांकि, उन्होंने कांग्रेस में लौटने की संभावना को पूरी तरह खारिज किया. अमरिंदर सिंह ने कहा कि कांग्रेस छोड़ने के बाद उन्हें जिस तरह से मुख्यमंत्री पद से हटाया गया था, उससे वह अब भी आहत हैं, इसलिए कांग्रेस में शामिल होने का सवाल ही नहीं उठता.

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पीएम मोदी की तारीफ की

पूर्व सीएम ने कहा कि बीजेपी में सभी निर्णय दिल्ली में लिए जाते हैं और जमीनी नेताओं से परामर्श नहीं किया जाता. उन्होंने कहा, ‘‘मेरे पास 60 साल का राजनीतिक अनुभव है, लेकिन मैं खुद को उन पर थोप नहीं सकता.’’ हालांकि, उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की प्रशंसा की. उन्होंने कहा कि पीएम मोदी का ‘‘पंजाब के लिए विशेष स्नेह’’ है और वह राज्य के लिए कुछ भी करेंगे.

नवजोत कौर सिद्धू के बयान पर क्या बोले?

नवजोत कौर सिद्धू के इस बयान पर कि पंजाब में 500 करोड़ रुपये का सूटकेस देने वाला मुख्यमंत्री बनता है, अमरिंदर सिंह ने नवजोत सिंह सिद्धू और उनकी पत्नी को ‘अस्थिर’ बताया और सिद्धू को राजनीति छोड़कर क्रिकेट कमेंट्री पर ध्यान केंद्रित करने की सलाह दी. उन्होंने ने कहा कि बीजेपी पंजाब में तभी मजबूत हो सकती है जब वह शिरोमणि अकाली दल (एसएडी) के साथ हाथ मिलाए. उन्होंने दावा किया कि दोनों दल अंततः एक साथ आएंगे, क्योंकि पंजाब में गठबंधन के बिना कोई सरकार नहीं बन सकती.

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वर्तमान आम आदमी पार्टी (आप) सरकार पर निशाना साधते हुए पूर्व मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि पंजाब आतंकवाद के वर्षों के बाद सबसे खराब दौर से गुजर रहा है. उन्होंने मुख्यमंत्री भगवंत मान पर तंज कसते हुए कहा कि वह केवल ‘‘टीवी पर आते हैं और चुटकुले सुनाते हैं.’’ सिंह ने आरोप लगाया कि मुफ्त की योजनाओं के कारण पंजाब ‘भिखारी राज्य’ बन गया है. उन्होंने यह भी दावा किया कि मान केवल ‘नाममात्र के मुखिया’ हैं, जबकि पंजाब के असली फैसले अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया ले रहे हैं. अमरिंदर सिंह ने लोगों से ‘‘स्थिरता’’ के लिए बीजेपी पर विचार करने का आग्रह किया, क्योंकि भारत की सुरक्षा पंजाब के हितों से जुड़ी हुई है.