Chandigarh News: चंडीगढ़ की हवा को साफ करने के लिए चंडीगढ़ प्रशासन ने अब कमर कस ली है. दिल्ली की तरह ही चंडीगढ़ यूटी प्रशासन ने शहर में भीड़-भाड़ कम करने के लिए 10 साल से ज्यादा पुराने डीजल और 15 साल से ज्यादा पुराने पेट्रोल वाहनों को सड़कों से हटाने के लिए अब और सख्ती बरती जाएगी. चंडीगढ़ प्रशासन 10 साल से ज्यादा पुराने डीजल वाहनों और 15 साल पुराने पेट्रोल वाहनों के रजिस्ट्रेशन रेन्यू पर रोक लगा सकता है.


यह सुझाव कल परिवहन विभाग की स्टैंडिंग कमेटी ऑफ एडमिनिस्ट्रेशन एडवाइजरी काउंलिंग की बैठक में दिया गया. पुराने वाहनों को हटाने के लिए यूटी प्रशासन ने नेशनल व्हीकल स्क्रैपेज पॉलिसी के तहत नए वाहन के रजिस्ट्रेशन पर रोड टैक्स में 25 प्रतिशत तक की छूट देने का भी फैसला किया है.


NGT पहले ही लगा चुका है रोक


डीजल वाहन पेट्रोल वाहन की तुलना में प्रदूषण के लिए ज्यादा नुकसान दायक हैं. खासकर तब जब यह 15 साल से ज्यादा के हो गए हो तब ये वाहन कई गुना ज्यादा प्रदूषण फैलाते हैं. नेशनल ग्रीन ट्रीब्यूनल NGT इन वाहनों पर पहले ही रोक लगा चुका है. 



इससे पहले हरियाणा सीएम ने 10 और 15 साल पुराने वाहनों को सड़कों से हटाने और गुरुग्राम में ई-रिक्शा को बढ़ाना देने की भी बात कही. बताते चलें कि गुरुग्राम में ई-रिक्शा को बढ़ावा देने के लिए पिछले साल अगस्त महीने में परिवर्तन प्रोजेक्ट शुरू किया गया था. मुख्यमंत्री ने बैठक में इस प्रोजेक्ट की भी समीक्षा की.  



मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने साथ ही कहा कि गुरुग्राम में वायु प्रदूषण को कम करना सरकार की प्राथमिकता है. उन्होंने कहा कि शहर की हवा को स्वच्छ रखने के लिए हमारी सरकार एनजीटी के आदेशों को कड़ाई से लागू करेगी.


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