Suraj Chavan Shiv Sena UBT: कोरोना महामारी के दौरान मुंबई नगर निगम (Mumbai Municipal Corporation) में कथित खिचड़ी घोटाला (Khichdi Scam Case) मामले में ईडी ने ठाकरे समूह के सचिव सूरज चव्हाण को गिरफ्तार कर लिया है. उन्हें गुरुवार को ईडी की विशेष पीएमएलए कोर्ट में पेश किया जाएगा. सूरज चव्हाण विधायक आदित्य ठाकरे (Aaditya Thackeray) के करीबी सहयोगी के रूप में जाने जाते हैं.


यह पहली बार है जब ईडी ने आदित्य ठाकरे के करीबियों पर कार्रवाई की है. इससे पहले ईडी ने सूरज चव्हाण से कोविड काल के दौरान मुंबई नगर निगम में हुए खिचड़ी घोटाला मामले में पूछताछ की थी. सूरज चव्हाण आदित्य ठाकरे के निजी सहायक के तौर पर भी जिम्मेदारी संभाल चुके हैं. सूरज चव्हाण आदित्य ठाकरे के लिए संगठनात्मक रणनीति बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. साथ ही सूत्रों ने जानकारी दी है कि आगामी मुंबई नगर निगम चुनाव में भी उनकी भूमिका अहम होगी. 


सूरज चव्हाण की गिरफ्तारी शिवशेना यूबीटी के लिए झटका
सूरज चव्हाण के खिलाफ ईडी की कार्रवाई को ठाकरे समूह के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है. सूरज चव्हाण बचपन से ही बाल ठाकरे के प्रति सम्मान के चलते एक शिवसैनिक बन गए. सूरज चव्हाण की असली पहचान शिव सेना के एक कट्टर कार्यकर्ता के रूप में है. उनका राजनीतिक सफर मुंबई के वर्ली से शुरू हुआ था. उन्होंने एक साधारण शिवसैनिक के रूप में अपना काम वर्ली में शिव सेना शाखा से शुरू किया.


आदित्य ठाकरे के करीबी हैं सूरज चव्हाण
सूरज चव्हाण ने आदित्य ठाकरे द्वारा युवा सेना की स्थापना के बाद खुद को युवा सेना के काम में समर्पित कर दिया. युवा सेना की संगठनात्मक संरचना से लेकर युवा सेना के विकास की रणनीति बनाने तक सूरज चव्हाण का बहुमूल्य योगदान है. युवा सेना के लिए उनके काम के कारण, उन्हें जल्द ही आदित्य ठाकरे के करीबी सहयोगियों में गिना जाने लगा. आदित्य ठाकरे जहां भी होते सूरज चव्हाण उनके साथ साये की तरह चलते थे.


सूरज चव्हाण ने स्वास्थ्य शिविर चलाने में निभाई अहम भूमिका
जब आदित्य ठाकरे ने वर्ली से चुनाव लड़ने का फैसला किया, तो उनके चुनाव प्रचार से लेकर चुनाव जीतने के बाद निर्वाचन क्षेत्र में काम करने तक, सभी काम का नेतृत्व सूरज चव्हाण ने किया. कोरोना काल में भी आदित्य ठाकरे के नेतृत्व में सूरज चव्हाण ने जमीनी स्तर पर काम किया. सूरज चव्हाण ने वर्ली में कोविड सेंटर और स्वास्थ्य शिविर चलाने में अहम भूमिका निभाई. पार्टी के लिए रणनीति बनाने के साथ-साथ सूरज चव्हाण ने मुंबई और मुंबई लोकसभा, विधानसभा का गहन अध्ययन किया.  इसके अलावा मुंबई विश्वविद्यालय के सीनेट चुनाव में सूरज चव्हाण के मार्गदर्शन में दस सीटें जीतीं.


उद्धव ठाकरे ने बनाया ठाकरे गुट का सचिव
पार्टी के प्रति वफादारी ने सूरज चव्हाण को मातोश्री तक पहुंचाया, जोकि आदित्य ठाकरे और वर्ली तक सीमित नहीं है. कई सालों से शिवसेना में रहे दिग्गजों को नजरअंदाज करते हुए उद्धव ठाकरे ने बहुत कम समय में ही शिवसेना के ठाकरे गुट के सचिव का पद सूरज चव्हाण को दे दिया. मुंबई के पूर्व नगरसेवक अमेय घोले, जो आदित्य ठाकरे के करीबी माने जाते हैं, कुछ दिन पहले ही शिव सेना ठाकरे ग्रुप जय महाराष्ट्र से जुड़कर शिंदे ग्रुप में शामिल हुए हैं. 


क्या है खिड़ची घोटाला
अमेय घोले ने ठाकरे का साथ छोड़ते समय पार्टी नेताओं को एक पत्र लिखा था. इस पत्र में भी उन्होंने सीधे तौर पर सूरज चव्हाण पर आरोप लगाया. बता दें कोरोना काल में मुंबई में बिना टेंडर के कोविड सेंटर बनाने, ऑक्सीजन सप्लाई, दवाइयां, रेमडेसिविर खरीदने का फैसला लिया गया. इसी तरह उन गरीब प्रवासी श्रमिकों को लॉकडाउन के दौरान भोजन उपलब्ध कराने का निर्णय लिया गया, जिनके पास मुंबई में अपना घर नहीं है.  


प्रवासी श्रमिकों को खिचड़ी उपलब्ध कराने के लिए मुंबई नगर निगम ने 52 कंपनियों को ठेका दिया था. मुंबई नगर निगम का दावा है कि पहले 4 महीनों में 4 करोड़ खिचड़ी पैकेट बांटे गए. लेकिन आरोप है कि इसमें घोटाला हुआ.  इसी कथित खिड़ची घोटाला मामले में सूरज चव्हाण को गिरफ्तार किया गया है.


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