अंडरवर्ल्ड डॉन से नेता बने अरुण गवली को सुप्रीम कोर्ट से 2007 के हत्या मामले में जमानत मिलने के बाद बुधवार (3 सितंबर) को नागपुर जेल से रिहा किया गया. 76 वर्षीय गवली करीब 17 साल जेल में रहने के बाद अपने आवास डागडी चॉल पहुंचा, जहां परिवार और समर्थकों ने उनका भव्य स्वागत किया. 

गवली बुधवार रात लगभग 9 बजे नागपुर से फ्लाइट लेकर मुंबई पहुंचा. डागडी चॉल में उसके घर पहुंचते ही समर्थकों ने फूल बरसाए, गुलाल उड़ाया और मिठाइयां बांटीं. जेल से छूटने के बाद किसी शख्स का ऐसा स्वागत कई तरह के सवाल खड़ा करता है, जिसमें सबसे अहल सवाल ये उठता है कि एक अंडरवर्ल्ड डॉन आखिर नेता कैसे बन गया. आइए जानें अरुण गवली का इतिहास.

साधारण परिवार से आता है अरुण गवली

गैंगस्टर से राजनेता बने अरुण गवली, जिसे 'डैडी' के नाम से जाना जाता है, मुंबई के कुख्यात अंडरवर्ल्ड डॉन रहा है, जो बाद में राजनीति में एक्टिव हो गया. वैसे तो वह महाराष्ट्र के एक साधारण मिल वर्कर परिवार से आता है, लेकिन 1970-80 के दशक में मुंबई के गैंगवार में उसकी भूमिका ने कुख्यात बना दिया. वह दाऊद इब्राहिम जैसे बड़े डॉन का प्रतिद्वंद्वी रहा और दगड़ी चॉल को अपना किला बनाया. 

राजनीति में प्रवेश करने के बाद उसने अखिल भारतीय सेना (ABS) की स्थापना की और विधायक भी बना. 3 सितंबर 2025 को, सुप्रीम कोर्ट ने उसे 2007 के एक हत्या मामले में जमानत दे दी, जिसके बाद वे 17 साल की जेल के बाद नागपुर सेंट्रल जेल से रिहा होकर मुंबई के दगड़ी चॉल लौटा. 

परिवार में कौन-कौन?

अरुण गवली का परिवार मुंबई के दगड़ी चॉल में रहता है. उसका परिवार दाऊद इब्राहिम जैसे दुश्मनों के हमलों का शिकार भी रहा. पिता गुलाबराव गवली सिम्प्लेक्स मिल में काम करते थे. मां लक्ष्मीबाई गवली मिल वर्कर रहीं, जिनका 2018 में निधन हो गया. भाई किशोर गवली और बप्पा गवली अंडरवर्ल्ड में साथी थे, दाऊद के गैंग द्वारा मारे गए. प्रदीप गवली खटाऊ मिल में काम करते था.

अरुण गवली पत्नी का नाम आशा गवली है. वह एक मुस्लिम परिवार से आती है. शादी के बाद उसने हिंदू धर्म अपना लिया. महाराष्ट्र विधानसभा की पूर्व विधायक (MLA) रही है. वे परिवार की 'मम्मी' के नाम से जानी जाती है. अरुण गवली के पांच बच्चे हैं महेश गवली, गीता गवली, योगिता गवली, यतिका गवली और अस्मिता गवली.

कितना है अरुण गवली का नेट वर्थ?

अरुण गवली की संपत्ति मुख्य रूप से अचल संपत्ति से है. 2008 में अनुमानित 250 करोड़ रुपये (दगड़ी चॉल सहित 11 इमारतें, पुणे के पास 40 एकड़ जमीन आदि). 2014 में 11 करोड़ रुपये घोषित. 2025 में सटीक आंकड़े उपलब्ध नहीं, लेकिन परिवार की संपत्ति 250 करोड़ से अधिक मानी जाती है. 

सुप्रीम कोर्ट का आदेश 

28 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट की बेंच- जस्टिस एम. एम. सुंदरेश और एन. कोटेश्वर सिंह ने गवली को जमानत दे दी है. कोर्ट ने कहा कि वे 17 साल से अधिक समय से जेल में हैं और उनकी अपील अभी लंबित है.

गवली पर मुंबई के शिवसेना पार्षद कमलाकर जामसंदेकर की हत्या का आरोप था. 2012 में सत्र न्यायालय ने उसेउम्रकैद और ₹17 लाख का जुर्माना सुनाया था, जिसे 2019 में बॉम्बे हाई कोर्ट ने बरकरार रखा था. गवली पर महाराष्ट्र कंट्रोल ऑफ ऑर्गनाइज्ड क्राइम एक्ट (MCOCA) के तहत मामला दर्ज किया गया था.