महाराष्ट्र के निकाय चुनाव, खासकर बीएमसी इलेक्शन से पहले महाविकास अघाड़ी (MVA) में बड़ी टूट पड़ गई. कांग्रेस ने ऐलान कर दिया कि पार्टी अकेले अपने दम पर ही चुनाव लड़ेगी. इसकी वजह उद्धव ठाकरे से नाराजगी है, लेकिन अब उद्धव ठाकरे इस जुगत में लग गए हैं कि किसी न किसी तरह कांग्रेस को मना लिया जाए. 

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महाराष्ट्र कांग्रेस के अलग चुनाव लड़ने की घोषणा के बावजूद उद्धव ठाकरे दिल्ली में पार्टी हाई कमान से संपर्क में हैं.  शिवसेना यूबीटी के प्रमुख कांग्रेस को मनाने की पूरी कोशिश कर रहे हैं. उनका कहना है कि महायुति के खिलाफ अगर विपक्ष अलग-अलग चुनाव लड़ेगा तो दोनों ही दलों का बहुत बड़ा नुकसान होगा.

राज ठाकरे की एंट्री से नाराज है कांग्रेस

दरअसल, कांग्रेस ने उद्धव ठाकरे को साफ साफ कह दिया था कि अगर उनके साथ राज ठाकरे रहेंगे, तो कांग्रेस शिवसेना यूबीटी का साथ नहीं देगी और महाविकास अघाड़ी का हिस्सा भी नहीं रहेगी. हालांकि, उद्धव ठाकरे कांग्रेस को साथ लेकर एमवीए को बनाए रखने पर कायम हैं.

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उद्धव ठाकरे ने कांग्रेस को दिया यह तर्क

उद्धव ठाकरे अब कांग्रेस को यह तर्क दे रहे हैं कि अगर महायुति के खिलाफ अलग-अलग चुनाव लड़ें, तो नुकसान दोनों का ही होगा. बीजेपी को हराने के लिए विपक्ष की एकता बनाए रखना बहुत जरूरी है.

राज ठाकरे जिता सकते हैं मनपा चुनाव?

महाराष्ट्र नवनर्माण सेना (मनसे) के महाविकास अघाड़ी में शामिल होने की अटकलों पर चर्चा  शुरू हुई थी कि राज ठाकरे के साथ मिलकर एमवीए महानगर पालिका पर कब्जा कर सकती है. हालांकि, कांग्रेस ने अपनी भूमिका स्पष्ट करते हुए यह घोषणा कर दी कि वह मनसे के साथ चुनाव नहीं लड़ेगी. इसी क्रम में कांग्रेस ने स्वबल का नारा दिया. 

मनसे MVA का हिस्सा नहीं

वहीं, मनसे नेता संदीप देशपांडे ने कहा कि शरद पवार महाविकास अघाड़ी में हैं, लेकिन मनसे एमवीए का हिस्सा नहीं है.