नासिक में पार्टी के एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए बुधवार (16 अप्रैल) को शिवसेना (यूबीटी) चीफ उद्धव ठाकरे ने बड़ा बयान दिया. उन्होंने कहा कि मैं बीजेपी से रास्ता अलग किया है. मरते दम तक हिंदुत्व को नहीं छोड़ूंगा. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि मुंबई को लूटा जा रहा है और सब कुछ गुजरात भेजा रहा है. उन्होंने महाराष्ट्र सरकार से मांग की कि राज्यपाल का निवास कहीं और ट्रांसफर किया जाए. राजभवन को शिवाजी महाराज के स्मारक में तब्दील किया जाए.
मैं बीजेपी के बिगड़ते हिंदुत्व को स्वीकार नहीं करता- उद्धव
शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख ने आगे कहा, "मैं बीजेपी के बिगड़ते हिंदुत्व को स्वीकार नहीं करता हूं. शिवसेना के बिना बीजेपी उस स्थिति पर नहीं पहुंच सकती थी कि वो अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण कर सके."
बीजेपी पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा, "बीजेपी ने झूठी कहानी फैलाई कि शिवसेना ने हिंदुत्व को छोड़ दिया है. मुसलमानों ने हमारी पार्टी का समर्थन सिर्फ इसलिए किया क्योंकि मुख्यमंत्री के तौर पर मैंने सभी के साथ एक जैसा व्यवहार किया."
अमित शाह पर साधा निशाना
उद्धव ठाकरे ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर निशाना साधते हुए कहा, “शिवाजी महाराज को महाराष्ट्र तक सीमित नहीं रखने की बात तब की गई जब ज़मीनी स्तर पर उनके लिए कुछ भी नहीं किया गया था. सिर्फ भाषणों से श्रद्धांजलि नहीं होती – स्मारक, सम्मान और नीतियों से होती है.” उन्होंने पूछा, “अरब सागर में शिवस्मारक का क्या हुआ? क्या सिर्फ शिलान्यास ही काफी था? अगर फडणवीस मुख्यमंत्री होते हुए भी यह स्मारक नहीं बनवा सके, तो उनकी प्राथमिकता क्या थी?”
नासिक को लेकर क्या कहा?
नासिक का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, "“नासिक को गोद लिया गया, स्मार्ट सिटी बनाया जाना था. लेकिन नासिक को अब तक संरक्षक मंत्री क्यों नहीं मिला?” ठाकरे ने पूछा. “लोगों से वादे किए गए थे, लेकिन नासिक को मिला क्या? ज़रा 2014, 2019 और 2024 के घोषणापत्र देखिए – क्या कुछ पूरा हुआ?” उद्धव ठाकरे ने कहा, “जय भवानी, जय शिवाजी जैसे नारों पर आज सवाल उठ रहे हैं. क्या यह हमारी संस्कृति और आत्मगौरव पर आघात नहीं है?” उन्होंने राम मंदिर का मुद्दा भी उठाया – “अगर शिवसेना न होती, तो क्या अयोध्या में राम मंदिर संभव होता?”