Maharashtra News: महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फडणवीस भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए कड़े कदम उठा रहे हैं, यह बात कोई और नहीं बल्कि उनकी धुर विरोधी शिवसेना-यूबीटी कह रही है. कुछ मंत्रियों द्वारा अनुशंसित निजी सहायक के नामों को खारिज करने पर शिवसेना-यूबीटी ने सीएम फडणवीस की तारीफ की. अपने मुखपत्र सामना में उद्धव ठाकरे गुट की पार्टी ने डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे पर भी तंज कसा. 

ऐसा पहली बार नहीं है कि सामना में फडणवीस की तारीफ की गई हो. इससे पहले जनवरी में जब फडणवीस ने नक्सल प्रभावित गढ़चिरौली का दौरा किया था और स्टील इंडस्ट्री को प्रमोट करने की घोषणा की थी, तब भी शिवसेना-यूबीटी ने उनकी तारीफ की थी. संपादकीय में बुधवार (26 फरवरी) को कहा गया है कि फडणवीस राज्य के शासन में अनुशासन लाने के लिए मजबूत कदम उठा रहे हैं. इसमें कहा गया है कि सीएम फडणवीस ने भ्रष्टाचार के नाले की सफाई शुरू कर दी है.

पीए की नियुक्त का अधिकार छीनना बड़ा निर्णय - सामना

यह हाल के समय में दूसरी बार है जब शिवसेना-यूबीटी ने सीएम फडणवीस की संपादकीय के जरिए तारीफ की है. हालांकि पार्टी ने एक बार फडणवीस पर शिवसेना को विभाजित करने के आरोप लगाए थे और इसको लेकर लगातार हमलावर भी रही है.  संपादकीय में कहा गया है कि फड़णवीस ने निजी सहायकों और ओएसडी की नियुक्ति के लिए मंत्रियों की शक्ति छीन कर एक और महत्वपूर्ण निर्णय लिया.

शिंदे के कार्यकाल में बिचौलियों को मिली थी छूट - सामना

शिवसेना-यूबीटी ने आगे दावा किया कि जिन नामों को खारिज किया गया उनमें से 12 नाम शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना के मंत्रियों द्वारा प्रस्तावित किए गए थे. इसमें आरोप लगाया गया है कि जब एकनाथ शिंदे सीएम थे तब बिचौलियों को 'मंत्रालय' में खुली छूट थी. सामना में यह भी दावा किया गया कि शिंदे का एक करीबी रीयलटर देश छोड़कर भाग गया था, क्योंकि फडणवीस सीएम बनने के बाद गंदगी साफ कर रहे थे. 

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