Maharashtra Politics: शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने गुरूवार को कहा कि भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने भले ही उनके विधायकों को अपने पाले में कर उनके दल को तोड़ दिया, लेकिन उनकी पार्टी खत्म नहीं हुई है. मध्य महाराष्ट्र के लातूर जिले के औसा में एक रैली को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि शिवसेना (यूबीटी) इसके बजाय बीजेपी को “दफन” कर देगी.
ठाकरे ने कहा, “बीजेपी ने हमारे विधायकों और सांसदों को छीनकर शिवसेना को तोड़ दिया, (लेकिन) इसका मतलब यह नहीं है कि शिवसेना खत्म हो गई. इसके विपरीत, शिवसेना बीजेपी को दफना देगी और आगे बढ़ेगी.” महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री ने दावा किया कि बीजेपी नेताओं में जम्मू-कश्मीर, मणिपुर और अरुणाचल प्रदेश जैसे क्षेत्रों का दौरा करने का साहस नहीं है.
उन्होंने बिना ज्यादा जानकारी दिए यह भी दावा किया कि उनके पिता और शिवसेना संस्थापक दिवंगत बाल ठाकरे ने नरेन्द्र मोदी को तब ‘बचाया’ था जब बीजेपी नेता अटल बिहारी वाजपेयी, मोदी को दरकिनार करने वाले थे.
चुनावी बांड मामले में क्या बोले ठाकरे
शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने चुनावी बॉण्ड खरीदने वालों का विवरण देने के लिए भारतीय स्टेट बैंक द्वारा समय मांगे जाने को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा. ठाकरे ने प्रदेश के लातूर जिले के औसा में कहा कि जब ऋण चुकाने में किसानों की ओर से कोई चूक या देरी होती है तो बैंक तुरंत किसानों की सारी जानकारी सामने ले आते हैं, लेकिन चुनावी बॉण्ड मुद्दे पर बैंक विवरण देने के लिए समय मांग रहे हैं.
उन्होंने कहा, ‘‘जब किसान ऋण चुकाने में असमर्थ होते हैं तो बैंक उनके दरवाजे पर नोटिस चिपका देते हैं. उनके पास उन किसानों की सारी जानकारी होती है जो समय पर ऋण नहीं चुका पाते हैं. लेकिन चुनावी बॉण्ड के लिए वे (बैंक) विवरण जमा करने के लिए समय मांग रहे हैं.’’
सुप्रीम कोर्ट ने 15 फरवरी को चुनावी बॉण्ड योजना को असंवैधानिक बताते हुए इसे रद्द कर दिया था. इसने भारतीय स्टेट बैंक को छह मार्च तक इन बॉण्ड से जुड़ा विवरण देने के लिए कहा था, लेकिन बैंक ने समय सीमा 30 जून तक बढ़ाने की मांग करते हुए शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया है. ठाकरे ने केंद्रीय मंत्री अमित शाह पर उनके उस बयान के लिये निशाना साधा जिसमें उन्होंने कहा था कि केंद्र की राजग सरकार ने दस साल में जो काम कर दिया वह कांग्रेस 40 साल में भी नहीं कर सकी.
ठाकरे ने व्यंग्यात्मक लहजे में कहा, ‘‘दस साल में भारतीय जनता पार्टी ने चुनावी बॉण्ड से सात हजार करोड़ रुपये जुटाये हैं जबकि कांग्रेस केवल 600-700 करोड़ रुपये ही जुटा सकी.’’