Mumbai: आज दशहरा है. आज मुंबई में शिवसेना के दोनों गुट शक्ति प्रदर्शन करेंगे. उद्धव ठाकरे की दशहरा रैली शिवाजी पार्क में होगी तो मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की रैली बांद्रा-कुर्ला कांप्लेक्स के एमएमआरडीए मैदान में. इन रैलियों के लिए मुंबई पुलिस ने सुरक्षा के तगड़े इंतजाम किए हैं. इन रैलियों की सुरक्षा के लिए पुलिस के हजारों जवानों को तैनात किया गया है.महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री और गृहमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा है कि मुंबई शहर में कानून-व्यवस्था की स्थिति शांतिपूर्ण रहेगी.उन्होंने उम्मीद जताई कि राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता के चलते शहर में कोई नुकसान नहीं होगा.


पुलिस ने किए हैं सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम


शिवसेना के दोनों गुटों की लड़ाई को देखते हुए मुंबई पुलिस ने सुरक्षा के तगड़े इंतजाम किए हैं. शहर में लॉ एंड ऑर्डर को बनाए रखने के लिए बड़ी संख्या में पुलिस के जवान तैनात किए गए हैं. उद्धव ठाकरे गुट की रैली शिवाजी पार्क में होगी. वहां की सुरक्षा व्यवस्था संभालने के लिए दो डीसीपी, तीन एसीपी. 17 पुलिस इंस्पेक्टर,60 सहायक पुलिस इंस्पेक्टर, 420 पुलिस कर्मचारी, 65 हवालदार, दो प्लाटून दंगा नियंत्रण पुलिस,पांच सुरक्षा बल पथक, क्यूआरटी की दो टीमें और पांच मोबाइल वाहन तैनात रहेंगे.


वहीं बांद्रा कुर्ला कांप्लेक्स के एमएमआरडीए मैदान में होने वाली एकनाथ शिंदे गुट की दशहरा रैली के लिए चार डीसीपी, चार एसीपी, 66 पुलिस इंस्पेक्टर, 217 सहायका पुलिस इंस्पेक्टर, 1095 पुलिस कर्मचारी, 410 हवालदार,  आठ प्लाटून दंगा नियंत्रण पुलिस, पांच सुरक्षा बल पथक, क्यूआरटी की पांच टीमें और 14 मोबाइल वाहन तैनात किए गए हैं.


मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की रैली शाम करीब छह बजे शुरू होगी. इसमें शिंदे का भाषण रात आठ बजे के बाद होगा. वहीं शिवाजी पार्क में उद्धव ठाकरे का भाषण भी रात आठ बजे के आसपास ही होगा.


शिवसेना में बगावत


इस साल जून में शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे की अगुआई में 40 विधायकों ने पार्टी से बगावत कर दी थी. इससे उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महाविकास अघाड़ी की सरकार गिर गई थी. इसके बाद एकनाथ शिंदे बीजेपी के समर्थन से महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बने. इसके बाद से ही शिंदे और उद्धव के बीच खुद को असली शिवसेना साबित करने की जंग छिड़ी हुई है. यह लड़ाई राजनीतिक गलियारों के साथ-साथ अदालत में भी लड़ी जा रही है. अब चुनाव आयोग को यह तय करना है कि शिवसेना ठाकरे गुट की है या शिंदे गुट की.


दशहरा रैली को बृहन्नमुंबई नगर पालिका के चुनाव से पहले लिटमिस टेस्ट माना जा रहा है. इसके जरिए दोनों गुट पार्टी कार्यकर्ताओं में अपनी पैठ दिखाने की कोशिश कर रहे हैं. शिवसेना के दोनों गुट कदम-कदम पर टकरा रहे हैं.दशहरा रैली के आयोजन स्थल के लिए भी दोनों गुटों ने लड़ाई लड़ी. उद्धव  ठाकरे को शिवाजी पार्क पर दशहरा रैली करने की इजाजत बांबे हाई कोर्ट ने दी है. इस गुट ने इस मैदान से जुड़े अपने इतिहास के दम पर इस मैदान पर दावा किया था. 


भीड़ जुटाने की जिम्मेदारी


दशहरा रैली में अधिक से अधिक भीड़ लाने के लिए शिव सेना के दोनों गुट जी-जान से लगे हुए हैं. भीड़ लाने की जिम्मेदारी शिंदे गुट ने अपने विधायकों को दी है. इसके लिए बसों और ट्रेनों की बुकिंग की गई है. ठाकरे गुट ने अपने पार्षदों और विधायकों पर भीड़ जुटाने की जिम्मेदारी दी है. उद्धव ठाकरे इसकी लगातार समीक्षा कर रहे हैं. रैली में भीड़ को लेकर दोनों गुट आरोप-प्रत्यारोप भी लगा रहे है.शिंदे गुट का आरोप है कि ठाकरे गुट की शिवाजी पार्क की रैली में भीड़ दिखाने के लिए कांग्रेस और एनसीपी कार्यकर्ता को जुटाएगा. वहीं ठाकरे गुट का आरोप है कि शिंदे गुट की रैली में बीजेपी के कार्यकर्ता लाए जाएंगे.


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