Maharashtra News: एकनाथ शिंदे के गुट वाली शिवसेना सांसद राजेंद्र गावित (Rajendra Gavit) ने बीजेपी में वापसी कर ली है. गावित पालघर (Palghar) से निवर्तमान सांसद हैं. वह पहले कांग्रेस में भी रह चुके हैं और कांग्रेस-एनसीपी गठबंधन की सरकार में मंत्री रहे हैं. 2018 के उपचुनाव में वह बीजेपी के टिकट से पहली बार सांसद बने थे. 2019 में अविभाजित शिवसेना से वह निर्वाचित हुए थे. हालांकि 2022 जब शिवसेना में विभाजन हुआ तो वह एकनाथ शिंदे वाले गुट में चले गए.


राजेंद्र गावित ने मंगलवार को डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस की मौजूदगी में बीजेपी ज्वाइन की. फडणवीस ने इस अवसर पर कहा कि बीजेपी को यह महसूस हुआ कि राज्य में गावित की जरूरत है इसलिए वह वापस बीजेपी आ गए. महायुति की ओर से पालघर लोकसभा सीट बीजेपी को मिली है जहां हेमंत सावरा को टिकट दिया गया है.


एबीपी माझा की रिपोर्ट के मुताबिक गावित इस साल पालघर से शिवसेना की उम्मीदवारी खारिज होने से नाराज हैं. चर्चा है कि वह इसी नाराजगी के चलते घर वापसी कर रहे हैं. महायुति से बीजेपी के हेमंत सावरा को लोकसभा के लिए उम्मीदवार बनाया गया. इसके बाद राजेंद्र गावित ने भी महायुति की रैली से मुंह मोड़ लिया. 


गावित को प्रत्याशी बनाने पर हो रहा था विरोध
महायुति की ओर से उम्मीदवार के तौर पर राजेंद्र गावित के नाम पर चर्चा चल रही थी. लेकिन उनके नाम पर विरोध होने लगा. पूर्व जनजातीय विकास मंत्री विष्णु सावरा के बेटे हेमंत सावरा को उम्मीदवार बनाने की काफी मांग की जा रही थी.


कौन हैं राजेंद्र गावित?
राजेंद्र गावित आदिवासी समाज में एक बड़ा चेहरा हैं. कांग्रेस में रहते हुए वह आदिवासी विकास राज्य मंत्री थे. वह मूल रूप से नंदुरबार के रहने वाले हैं. वह पालघर से विधायक चुने गए. उन्होंने 2014 का लोकसभा चुनाव कांग्रेस से लड़ा, लेकिन हार गए. 2016 में विधानसभा उपचुनाव में भी उन्हें हार मिली थी. 2019 में राजेंद्र गावित ने शिवसेना के श्रीनिवास वनगा को हराया. राजेंद्र गावित को 2 लाख 72 हजार 782 वोट मिले. राजेंद्र गावित 29 हजार 572 वोटों से जीते थे.


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