एकनाथ शिंदे गुट के सांसद नरेश म्हस्के ने शिवसेना यूबीटी के राज्यसभा सांसद संजय राउत पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि यह व्यक्ति 'एटम बम' नहीं बल्कि 'लक्ष्मी बम' है. नरेश म्हस्के ने अपने इस बयान का मतलब भी समझाया. शिंदे गुट के नेता ने कहा कि संजय राउत ने उद्धव ठाकरे के घर-परिवार के बीच जाकर उनका नाश किया. ये नकली पटाखा हैं और उनमें दम नहीं है.
नरेश म्हस्के ने संजय राउत पर निशाना साधते हुए कहा, "मेरे कहने का मतलब है कि उनमें दम नहीं है. उन्होंने पार्टी का विघटन किया. उद्धव ठाकरे के पक्ष का यह नुकसान है."
बाढ़ को लेकर उन्होंने कहा कि जहां-जहां मराठवाडा और विदर्भ में बाढ़ आई और नुकसान हुआ उसमें हमने सिर्फ सूखी सहानुभूति नहीं दिखाई. पहले दिन से शिवसैनिक सड़कों पर उतरे. एकनाथ शिंदे खुद मैदान में उतरे. उन्होंने बताया कि करोड़ों रुपये के मदद के सामान प्रभावित जगहों पर पहुंचाई गई है. हम व्यक्तिगत तौर पर किसानों तक पहुंचे हैं.
रोहित पवार के बयान पर क्या बोले?
रोहित पवार के आरएसएस को लेकर दिए गए बयान पर उन्होंने कहा कि रोहित पवार और जयंत पाटील के बीच यह नेतृत्व की लड़ाई है. आरएसएस के बारे में बोलते समय ऐसा लगता है कि वे सिर्फ प्रसिद्धि के लिए बोलते हैं. मीडिया उन्हें दिखाएगा, मीडिया उन्हें चलाएगा, ऐसी उनकी प्रवृत्ति है.
उन्होंने कहा, "आरएसएस देशहित के लिए काम करता है. जब भी देश में कोई बड़ा संकट या महाप्रलय आता है तब आरएसएस के लोग वहां जाकर काम करते हैं. एक समय बीजेपी के पास एक सांसद था. लेकिन आरएसएस ने अप्रत्यक्ष रूप से जो काम किया उस कारण आज बीजेपी केंद्र में सत्तारूढ़ हुई है. इसलिए रोहित पवार को आरएसएस की आलोचना नहीं करनी चाहिए. वे केवल अपनी प्रसिद्धि के लिए ऐसे आरोप लगाते हैं."
नगर निकाय चुनाव पर क्या बोले?
महाराष्ट्र में होने वाले नगर निकाय चुनावों पर उन्होंने कहा कि कार्यकर्ता और पदाधिकारी सतर्क रहें. कभी भी चुनाव हो सकते हैं. इसके लिए अपना निर्वाचन क्षेत्र छोड़कर दूसरे क्षेत्र या बाहर घूमने से बचने का पार्टी आदेश है. उन्होंने कहा कि महायुती के रूप में हम इकट्ठा हैं ताकि विरोधियों को हराया जा सके. एक-दूसरे को अंदर से खत्म करने के बजाय विरोधी दलों को हराना है. यह युती हिंदुत्व के विचारों से प्रेरित है. बालासाहेब ठाकरे और अटल बिहारी वाजपेयी के विचारों से प्रेरित है.