Aaditya Thackeray on Furniture Scam: शिवसेना-यूबीटी (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के नेता आदित्य ठाकरे ने शुक्रवार को कहा कि महाराष्ट्र लोकायुक्त ने बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) में कथित ‘स्ट्रीट फर्नीचर’ घोटाला मामले की सुनवाई अगले साल फरवरी में निर्धारित की है. ठाकरे ने एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कई बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के उद्घाटन में ‘देरी’ के लिए भी राज्य सरकार की आलोचना की. उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लोकायुक्त से सूचना मिली है कि 263 करोड़ रुपये के स्ट्रीट फर्नीचर घोटाले की सुनवाई फरवरी में होनी है. बीएमसी आयुक्त एवं प्रशासक और शहरी विकास विभाग के सचिव के साथ मुझे उसके (लोकायुक्त के) सामने पेश होने के लिए कहा गया है.’’


पूर्व पर्यावरण मंत्री का आरोप
राज्य के पूर्व पर्यावरण मंत्री ने आरोप लगाया है कि नगर निकाय में घोटाले हुए हैं, जिसमें पिछले साल की शुरुआत से कोई निर्वाचित प्रतिनिधि नहीं है. इसी को लेकर उन्होंने लोकायुक्त का दरवाजा खटखटाया था. ठाकरे ने बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के उद्घाटन में देरी पर कहा कि मुंबई ट्रांस हार्बर लिंक (एमटीएचएल), ठाणे और ऐरोली के बीच दीघा स्टेशन, डोंबिवली-मनकोली पुल आदि का काम पूरा होने के बावजूद उन्हें जनता के लिए नहीं खोला गया है.


मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, ठाकरे ने कहा कि बीएमसी ने स्ट्रीट फर्नीचर घोटाले में ठेकेदारों को 22 करोड़ रुपये दिए हैं और हम इस पर सवाल उठाएंगे. “बीएमसी ने ठेकेदारों को 22 करोड़ रुपये का भुगतान क्यों किया? उस पैसे का क्या हुआ?” उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में सड़क टेंडर राशि में भिन्नता का मामला लोकायुक्त के समक्ष उठायेंगे. मार्च 2023 में विपक्षी विधायक ने आरोप लगाया कि बीएमसी में 263 करोड़ का स्ट्रीट फर्नीचर कॉन्ट्रैक्ट घोटाला हुआ है और बीएमसी कमिश्नर आईएस चहल को कई पत्र लिखे. बाद में अप्रैल में, ठाकरे ने तीन सदस्यीय समिति की रिपोर्ट भी मांगी थी, जिसने 13 स्ट्रीट फर्नीचर वस्तुओं और उन्हें स्थापित करने के स्थानों को अंतिम रूप दिया था.


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