Eknath Shinde and Devendra Fadnavis: एकनाथ शिंदे को फडणवीस से अधिक लोकप्रिय बताने वाले विज्ञापन के बाद बीजेपी खेमे में काफी नाराजगी देखी गई थी. ये भी अटकलें लगाई जाने लगी कि एकनाथ शिंदे से फडणवीस नाराज हैं. इनसब अटकलों के बीच एकनाथ शिंदे और फडणवीस पालघर में सरकार के दारी कार्यक्रम में मंच पर साथ नजर आए और एक दूसरे से ठहाके भी लगाए. दोनों ने दावा किया कि उनके साथ कुछ भी गलत नहीं था. इस पर जहां राजनीतिक गलियारों में चर्चा शुरू हो गई है वहीं विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अजित पवार ने इस पर प्रतिक्रिया दी है.
क्या है मामला?पिछले दो दिनों से मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के बीच बातचीत चल रही है. मंगलवार को सभी प्रमुख मराठी अखबारों में एक विज्ञापन में दावा किया गया कि एकनाथ शिंदे मुख्यमंत्री पद के लिए देवेंद्र फडणवीस से ज्यादा लोकप्रिय हैं. इसे लेकर बड़ा विवाद खड़ा होने के बाद बुधवार को शिंदे समूह द्वारा एक नया विज्ञापन प्रकाशित किया गया, जिसमें दोनों ने मिलकर महाराष्ट्र के लोगों की एकजुट आवाज होने का दावा किया. इससे एक नई चर्चा शुरू हुई. इसलिए पालघर में होने वाले इवेंट में ये दोनों क्या कहेंगे? इस ओर सबका ध्यान था.
क्या बोले शिंदे और फडणवीस?इवेंट में अपने भाषण में दोनों ने नाराजगी की बात को खारिज कर दिया. देवेंद्र फडणवीस ने कहा , "यह दोस्ती नहीं है जो एक विज्ञापन से कमजोर हो जाती है." दूसरी ओर, एकनाथ शिंदे ने भी जय-वीरू, धरम-वीर की जोड़ी के रूप में "ये फेविकोल का जोड़ है, टूटेगा नहीं" कहकर इस दोस्ती पर अपना दृढ़ विश्वास व्यक्त किया.
इस बीच, कहा जा रहा है कि इन सभी घटनाक्रमों के नायक एकनाथ शिंदे और देवेंद्र फडणवीस पहले नाराज हुए और फिर सुलह हो गई. प्रेस कांफ्रेंस में जब पत्रकारों ने अजित पवार से इस संबंध में पूछा तो उन्होंने इसपर जवाब देते हुए कहा, "मुझे कुछ महसूस नहीं हो रहा है. एकनाथ शिंदे और देवेंद्र फडणवीस दोनों जानते हैं कि जब तक वे एक-दूसरे के साथ नहीं होंगे, उनके पास अपनी स्थिति नहीं होगी. जब तक 155 विधायक उनके साथ हैं, उनकी सरकार बनी रहेगी. तो वे एक-दूसरे को अलग करने में समय क्यों व्यतीत करेंगे? ये सभी चर्चाएं मीडिया में हैं."
अजित पवार ने दिया जवाबइस बीच अमेय खोपकर ने जितेंद्र आव्हाड पर तंज कसते हुए कहा, 'चार सांसद प्रधानमंत्री बनने का सपना देखते हैं और हमारी आलोचना करते हैं.' उस पर अजित पवार ने भी जवाब दिया है. पवार ने कहा, "जो लोग बिल्कुल परेशान नहीं होना चाहते हैं वे कुछ भी कहते हैं. शरद पवार पहले ही कह चुके हैं कि मैं प्रधानमंत्री पद की दौड़ में नहीं हूं. इतने कम सांसदों के रहते कोई भी प्रधानमंत्री पद की दौड़ में नहीं रह सकता. हम सबने यह मान लिया है. लेकिन अगर कोई कुछ कहने लगे तो हम उनकी बातों का जवाब देने के लिए बाध्य नहीं हैं.
मुद्दा कौन उठाता है यह भी मायने रखता है. उन्होंने पुरंदर निर्वाचन क्षेत्र में खुद को खारिज कर दिया है. वे हमेशा कुछ ऐसा ही कहते हैं. महाराष्ट्र में बड़ों का सम्मान करने की परंपरा है. लेकिन अगर इन लोगों को इस तरह के कर्मकांडों के अधीन किया गया है, तो हम उनसे क्या उम्मीद कर सकते हैं?”