महाराष्ट्र की सियासत से बड़ी खबर सामने आ रही है. उप मुख्यमंत्री और शिवसेना प्रमुख एकनाथ शिंदे के मंत्रियों की नाराजगी की वजह सामने आ गई है. इसी का हल निकालते हुए शिवसेना और बीजेपी के बीच एक बड़ा फैसला भी हुआ है. दरअसल, बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं ने एकनाथ शिंदे को आश्वासन दिया है कि उनकी पार्टी का कोई भी नेता और कार्यकर्ता बीजेपी में शामिल नहीं होगा. 

Continues below advertisement

शिवसेना और बीजेपी के बीच चल रहे अनबन के बीच यह बड़ी खबर आ रही है कि बीजेपी की ओर से दावा किया गया है कि शिवसेना के किसी भी कार्यकर्ता को बीजेपी में शामिल नहीं किया जाएगा. इस मुद्दे पर अगले दो दिनों में शिवसेना और बीजेपी के सीनियर नेताओं की बैठक भी होगी. 

देवेंद्र फडणवीस ने एकनाथ शिंदे को दिया आश्वासन

महाराष्ट्र निकाय चुनाव से पहले होने वाली इस बैठक में इस बात पर चर्चा की जाएगी कि महायुति में किस-किस जिले में टकराव है और इसका समाधान कैसे निकाला जाए. दोनों नेताओं ने एक दूसरे को आश्वासन दिया है कि चुनाव के समय युती धर्म दोनों दलों की ओर से निभाया जाएगा. 

Continues below advertisement

बता दें, एकनाथ शिंदे के गढ़ माने जाने वाले ठाणे, कल्याण डोबिंवली, पालघर से कई कार्यकर्ता बीजेपी में शामिल होने की योजना बना रहे थे. इसी नाराजी क लेकर एकनाथ शिंदे के मंत्रियों ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की कैबिनेट मीटिंग का बहिष्कार किया था. 

कैबिनेट मीटिंग में शामिल नहीं हुए थे शिवसेना के मंत्री

जब कैबिनेट की बैठक चल रही थी, तब शिवसेना के मंत्री मीटिंग रूम में न पहुंचकर सीएम फडणवीस के दफ्तर में बैठे रहे. केवल एकनाथ शिंदे की मीटिंग में पहुंचे. इसके बाद शिवसेना मंत्रियों ने सीएम फडणवीस से मुलाकात की और अपनी नाराजगी की वजह बताई. 

शिवसेना और बीजेपी की बातचीत का क्या निकला निष्कर्ष?

मीटिंग में शामिल न होने के बाद एकनाथ शिंदे के मंत्री मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से मिले और कहा कि वे इस बात से नाराज हैं कि शिवसेना नेताओं को बीजेपी में शामिल किया जा रहा है. इसपर सीएम फडणवीस ने समझाया कि उल्हासनगर में शुरुआत तो शिवसेना ने ही की थी. अगर शिंदे गुट करे तो सही और बीजेपी करे तो गलत, यह कैसे संभव है? 

इसके बाद सीएम फडणवीस ने स्पष्ट रूप से कहा कि अब से एक दूसरे के कार्यकर्ताओं को दोनों ही दलों में एंट्री नहीं दी जाएगी, लेकिन इस नियम का पालन दोनों पार्टियों को करना होगा. इस बात पर शिवसेना और बीजेपी में सहमति बनी है.