Shiv Sena Advertisement: शिवसेना के शिंदे समूह द्वारा मंगलवार (13 जून) को "देश में मोदी और महाराष्ट्र में शिंदे" शीर्षक के साथ एक विज्ञापन जारी किया गया था. इस विज्ञापन ने महाराष्ट्र की राजनीति में एक बड़ा विवाद खड़ा कर दिया है. शिंदे गुट के इस विज्ञापन से बीजेपी-शिवसेना में गठबंधन की कमी की चर्चा फिर शुरू हो गई. शिंदे समूह द्वारा जारी विज्ञापन में केवल मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीरें थीं. इस विज्ञापन ने महाराष्ट्र की राजनीति में गर्मी बढ़ा दी है. 

शिंदे गुट ने फिर दिया विज्ञापनलोकसत्ता के अनुसार, आज (बुधवार, 14 जून) प्रदेश के प्रमुख अखबारों में छपे इस विज्ञापन से राज्य सरकार को लेकर लोगों में पैदा हुए भ्रम को दूर करने के लिए शिंदे ग्रुप ने डैमेज कंट्रोल करने की कोशिश की है. शिंदे गुट ने आज राज्य के प्रमुख समाचार पत्रों में "जनते चरनी मठ, गर्जा महाराष्ट्र माजा" का विज्ञापन दिया है. लगातार दो दिनों में शिंदे समूह के दो विज्ञापन जारी किए गए हैं, जिन पर प्रतिक्रियाएं आनी शुरू हो गई हैं. इन विज्ञापनों को लेकर एनसीपी विधायक जितेंद्र अवाद ने एकनाथ शिंदे को चुनौती दी है.

एनसीपी विधायक का सवालजितेंद्र आव्हाड ने कहा, शिंदे का आज का विज्ञापन छिपकली जैसा है. ये सब छिपकली के रंग के समान हैं. उन्हें कुछ नहीं लगता. पूरा महाराष्ट्र पहले पन्ने का विज्ञापन पढ़ता है. आज एक ऐड आता है, कल एक ऐड आता है... यानी उनकी राजनीतिक साख जीरो हो गई है. लेकिन बौद्धिक विश्वसनीयता भी आज शून्य है. एक तरफ हमने यह विज्ञापन नहीं दिया (मंत्री शंभूराज देसाई ने मंगलवार रात जवाब दिया कि मंगलवार को जारी विज्ञापन शिंदे समूह ने नहीं दिया था), तो आज का विज्ञापन किसने दिया? ऐसा सवाल जितेंद्र आव्हाड ने उठाया है. आव्हाड ने कहा, यह उनकी महत्वाकांक्षा है. आज नहीं तो कल वह (एकनाथ शिंदे) कहेंगे कि मैं प्रधानमंत्री बनना चाहता हूं.

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