एनसीपी शरद चंद्र पवार गुट के प्रमुख शरद पवार राज्यसभा में वक्फ संशोधन विधेयक पर मतदान से अनुपस्थित रहेंगे. शरद पवार के कार्यालय ने बताया कि शरद पवार गुरुवार को मुंबई में हैं. शरद पवार शुक्रवार (4 अप्रैल) को दिल्ली के लिए रवाना होंगे. शरद पवार अभी राज्यसभा के सदस्य हैं उनका कार्यकाल 2026 में समाप्त होगा.
वक्फ बिल पर क्या है शरद पवार की पार्टी का रुख?
वक्फ बिल पर शरद पवार की पार्टी अपना रुख साफ कर चुकी है. बुधवार को उनकी पार्टी के विधायक जितेंद्र आव्हाड ने कहा था कि सरकार झगड़ा कराने की नीयत से ये बिल ला रही है. उन्होंने कहा था कि वक्फ की जमीनें किसी व्यक्तिगत मुस्लिम की नहीं बल्कि संस्था की हैं और ये परंपरा लंबे समय से चलती आ रही है.
सुप्रिया सुले ने क्या कहा?
इससे पहले 1 अप्रैल को शरद पवार की बेटी और बारामती से सांसद सुप्रिया सुले ने कहा था, "ये अधिकारों का सवाल है. एक मजबूत लोकतंत्र में देश किसी के मन से नहीं चलता है. देश हमारे संविधान के अनुसार चलता है."
अजित पवार की पार्टी का रुख क्या है?
शरद पवार के भतीजे और महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम अजित पवार की पार्टी वक्फ संसोधन विधेयक पर सरकार के साथ हैं. अजित पवार एनडीए का हिस्सा हैं. गुरुवार को प्रफुल्ल पटेल ने राज्यसभा में कहा कि सरकार जो भी कानून ला रही है, उससे अगर किसी को पीड़ा हो तो न्यायपालिका तक पहुंच सकते हैं. यही बात भारत का संविधान करता है. हमारा लक्ष्य होना चाहिए कि हम अच्छे कानून बनाएं.
प्रफुल्ल पटेल ने कहा कि मजहब के नाम पर जो मुल्क (पाकिस्तान) बना वो किस दलदल में है. वहीं हमारा भारत कितनी ऊंचाइयों तक पहुंच गया है. हम दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था हैं. आगे जाकर हम तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनेंगे और वक्फ भी उसी का हिस्सा है. उन्होंने कहा कि इस बिल में मजहब के खिलाफ कुछ है, ऐसा तो मुझे कहीं नहीं लगा.