Ekanth Shinde On Uddhaav Thackeray: वक्फ बिल को लेकर घमासान मचा हुआ है. इस बिल को लेकर पक्ष और विपक्ष में तकरार देखने को मिल रही है. इस बीच डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे ने शिवसेना यूबीटी प्रमुख उद्धव ठाकरे पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि उद्धव ठाकरे वक्फ बिल पर कन्फ्यूज नजर आ रहे हैं.
एकनाथ शिंद ने कहा, उद्धव ठाकरे असदुद्दीन ओवैसी की भाषा बोल रहे हैं. वफ्फ बोर्ड को विरोध करके यूबीटी ने अपन असली चेहरा सामना लाया है, यह दुर्भाग्यपुर्ण है. 2019 में महाविकास आघाडी के साथ जाकर और कल वफ्फ को विरोध करके उद्धव ठाकरे ने गर्दन नीचे झुकाई है. वफ्फ के विधायक से मुस्लिम समुदाय खुश है. कांग्रेस गरीब को गरीब ही रखना चाहती है.
'चुनाव में जनता सिखाएगी सबक'डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे ने आगे कहा, उद्धव ठाकरे बिलकुल कन्फ्यूज नजर आ रहे है. आने वाले चुनाव में लोग उन्हें सबक सिखाएंगे. निर्णय लेने के लिए शेर का कलेजा होना चाहिए. शिंदे ने आरोप लगाया कि उद्धव ठाकरे की राजनीति इसी सिद्धांत पर आधारित है, जिससे उनकी पार्टी में असंतोष बढ़ रहा है.
'हिंदुत्व के मूल्यों को त्याग दिया'एकनाथ शिंदे ने कहा, "वक्फ संशोधन विधेयक के विरोध में निर्णय लेकर शिवसेना (यूबीटी) ने अपना असली चेहरा उजागर कर दिया है." उन्होंने आरोप लगाया कि इस विरोध से उनकी दोहरी भूमिका स्पष्ट हो गई है और यह दर्शाता है कि उन्होंने हिंदुत्व के मूल्यों को त्याग दिया है, शिंदे के अनुसार, इस विधेयक का विरोध करके उद्धव ठाकरे ने बालासाहेब ठाकरे के विचारों से दूरी बना ली है.
'2019 की सरकार गठन से बड़ा पाप'उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने आगे कहा, "2019 में निजी स्वार्थ के लिए कांग्रेस के साथ सरकार बनाने से भी बड़ा पाप उद्धव ठाकरे ने इस विधेयक का विरोध करके किया है." उन्होंने दावा किया कि वक्फ संशोधन विधेयक के माध्यम से जबरन कब्जाई गई जमीनों को मुक्त कराया जाएगा, जिससे गरीब मुसलमानों को लाभ होगा. शिंदे ने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि वह मुसलमानों को हमेशा गरीब बनाए रखना चाहती है और इसलिए इस विधेयक का विरोध कर रही है.
'ओवैसी और ठाकरे की समान भाषा'एकनाथ शिंदे ने कहा, "संसद में असदुद्दीन ओवैसी ने जो कहा, वही बातें उद्धव ठाकरे भी दोहरा रहे हैं, जिससे दोनों की भाषा में समानता दिखती है. उन्होंने यह भी कहा कि शिवसेना (यूबीटी) के नेता अब ज्यादातर राहुल गांधी के साथ समय बिता रहे हैं, जिससे उन्हें बार-बार मोहम्मद अली जिन्ना की याद आती है."
यूबीटी की निर्णय क्षमता पर सवालशिंदे ने उद्धव ठाकरे पर आरोप लगाया कि वे पूरी तरह से भ्रमित हैं और उन्हें यह समझ नहीं आ रहा है कि कौन से निर्णय लेने चाहिए और कौन से नहीं. उन्होंने कहा कि जब कोई पार्टी ऐसी स्थिति में आ जाती है, तो उसका भविष्य अंधकारमय हो जाता है. शिंदे ने यह भी कहा कि निर्णय लेने के लिए हिम्मत और शेर का कलेजा होना चाहिए, जो उद्धव ठाकरे में नहीं है.
'व्यक्तिगत टिप्पणियों का जवाब काम से देंगे'उद्धव ठाकरे द्वारा एकनाथ शिंदे के लिए 'ESS एसंशि' शब्द का उपयोग करने पर प्रतिक्रिया देते हुए शिंदे ने कहा कि पिछले दो साल से उन पर व्यक्तिगत टिप्पणियां हो रही हैं, लेकिन वे आरोप का जवाब आरोप से नहीं देंगे, बल्कि अपने काम से देंगे. उन्होंने कहा कि अगर वे भी इसी तरह जवाब दें, तो 'यूटी' का मतलब 'यूज एंड थ्रो' होगा, यानी 'इस्तेमाल करो और फेंक दो' और उद्धव ठाकरे की स्थिति ठीक ऐसी ही है, इसलिए लोग उन्हें छोड़कर जा रहे हैं.
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