Gaza Ceasefire Resolution Vote: एनसीपी-एसपी प्रमुख शरद पवार ने रविवार को भारत के गाजा संघर्ष विराम मसौदा प्रस्ताव पर मतदान से दूर रहने को लेकर बड़ा बयान दिया. मुंबई में एक कार्यक्रम में कहा कि चाहे इंदिरा गांधी का युग रहा हो या नेहरू का या उसके बाद का दौर, हमेशा भारत की छवि इस मुद्दे पर एक अलग रुख अपनाने और मानवता की रक्षा करने वाले के रूप में रही है. कल (शनिवार) ही संयुक्त राष्ट्र में इस विषय पर प्रस्ताव रखा गया और जब कट्टरपंथियों के खिलाफ स्टैंड लेना जरूरी था, तब भारत ने तटस्थता स्वीकार की.
उन्होंने कहा कि दुर्भाग्य से आज देश का नेतृत्व जिनके हाथ में है, वो ऐसे मुद्दों पर देश की स्पष्ट नीति दुनिया के सामने नहीं रखते और इसके कारण दुनिया के एक बड़े वर्ग के मन में भारत के बारे में गलतफहमी पैदा हो रही है और होती रहेगी.
ग्लोबल स्तर पर देश के बारे में भ्रम की स्थिति पैदा होगी- शरद पवार
शरद पवार ने कहा कि गाजा संघर्ष विराम मसौदा प्रस्ताव पर मतदान से दूर रहने का भारत का फैसला उसकी विदेश नीति के मुताबिक नहीं है. इससे ग्लोबल स्तर पर देश के बारे में भ्रम की स्थिति पैदा होगी. भारत ने UN में गाजा में 'तत्काल, बिना शर्त और स्थायी' युद्ध विराम की मांग करने वाले प्रस्ताव पर मतदान से खुद को दूर रखा है.
शरद पवार ने पार्टी कार्यकर्ताओं से की ये अपील
इस दौरान शरद पवार ने अपनी पार्टी को लेकर भी बयान दिया. उन्होंने कहा कि एनसीपी (एसपी) का संगठन मजबूत है और राजनीतिक असफलताओं के बावजूद संघर्ष करने के लिए दृढ़ है. उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं से आगामी स्थानीय निकाय चुनावों के लिए कमर कसने की अपील की। .
शरद पवार ने कहा कि पार्टी के स्थानीय नेता यह तय करेंगे कि चुनाव अकेले लड़ेंगे या सहयोगियों शिवसेना-यूबीटी और कांग्रेस के साथ मिलकर लड़ना है.