Pune Bridge Collapse News: महाराष्ट्र के पुणे में लोहे का पुराना पुल ढहने से बड़ा हादसा हो गया. जिले के मावल तालुका के कुंडमला (इंदुरी) क्षेत्र में रविवार (15 जून) को इंद्रायणी नदी पर बना 30 साल पुराना लोहे का पुल ढह गया. हादसे के समय पुल पर 100 से अधिक पर्यटक मौजूद थे. इस हादसे ने न सिर्फ प्रशासन की तैयारियों पर सवाल खड़े किए हैं, बल्कि इसे लेकर राजनीति भी गरमा गई है. शिवसेना-UBT प्रमुख उद्धव ठाकरे ने इस घटना पर क्या प्रतिक्रिया दी है.

यह सरकार की आपराधिक लापरवाही है- उद्धव ठाकरेउद्धव ठाकरे ने इस घटना पर शोक जताते हुए इसे ‘सरकार की आपराधिक लापरवाही’ करार दिया है. उन्होंने कहा, "सरकार विकास की बातें तो करती हैं, लेकिन एक मजबूत पुल तक नहीं बना सकी. उस पुराने जर्जर पुल से 44 पर्यटक बह गए, यह अत्यंत दुखद और निंदनीय है." ठाकरे ने सवाल उठाया कि आखिर सरकार इस तरह की घटनाओं की जिम्मेदारी कब लेगी?

उद्धव ठाकरे ने दूसरी घटना का भी किया जिक्रउद्धव ठाकरे ने इसी बीच मालवण स्थित राजकोट किले में छत्रपती शिवाजी महाराज की प्रतिमा के चबूतरे की जमीन धंसने की घटना को भी उठाया. उन्होंने कहा, "पहले प्रधानमंत्री द्वारा स्थापित की गई प्रतिमा गिर चुकी है और अब नई प्रतिमा के चबूतरे की जमीन ही धंस गई है. यह दर्शाता है कि शिवरायों की स्मृति के साथ भी घोर लापरवाही हो रही है. सरकार अब किस मुंह से सफाई देगी?" उन्होंने यह भी जोड़ा कि यह सम्मान नहीं, अपमान है, और इसकी जवाबदेही तय होनी चाहिए.

इन लोगों ने गंवाई जानबता दें कि दुर्घटना में अब तक 4 लोगों की मौत हो चुकी है और 51 घायल बताए जा रहे हैं. घटना में जान गंवाने वालों में चंद्रकांत साठले, रोहित माने, विहान माने और एक अज्ञात पुरुष जिसकी पहचान नहीं हुई, शामिल हैं. राहत एवं बचाव कार्यों में स्थानीय प्रशासन के साथ NDRF, CRPF, PMRDA के अग्निशमन दल और अन्य संगठन भी तत्परता दिखा रहे हैं.

घायलों को पास के चार निजी अस्पतालों (पवना अस्पताल, मायमर हॉस्पिटल, अथर्व हॉस्पिटल, युनिक हॉस्पिटल) में भर्ती कराया गया है. पुल का एक हिस्सा नदी से बाहर निकाला जा चुका है, लेकिन अब भी कई बाइकें पुल पर अटकी हुई हैं. सरकारी रिपोर्ट के अनुसार, ढहे हुए पुल की उम्र लगभग 30 साल थी और यह दो गांवों को जोड़ने वाला एक अहम मार्ग था. अब यह पुल पूरी तरह से बंद कर दिया गया है और जांच जारी है.

इस त्रासदी ने राज्य में बुनियादी ढांचे की खस्ता हालत और पर्यटक स्थलों की सुरक्षा व्यवस्था पर एक बार फिर गंभीर प्रश्नचिह्न खड़ा कर दिया है. ठाकरे ने सरकार से मृतकों के परिवारों को न्याय और मुआवज़ा देने की मांग की है. साथ ही भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचने के लिए ठोस कदम उठाने की अपील की है.