महाराष्ट्र के सियासी गलियारे में अटकलों का बाजार गर्म है. कहा जा रहा है कि एकनाथ शिंदे और उद्धव ठाकरे दोनों ही अपने अपने गठबंधन में नाराज हैं. बीजेपी से शिंदे की दूर बढ़ रही है तो दूसरी तरफ ठाकरे कांग्रेस से दूर जाने की सोच रहे हैं. ऐसे मे महाराष्ट्र में शिंदे के मंत्री ने ऐसा बयान दिया है कि सब सोचने लगे हैं. 

शिरसाट के बयान से ट्विस्ट?

शिंदे गुट के मंत्री संजय शिरसाट के बयान ने महाराष्ट्र की सियासत में ट्विस्ट ला दिया. उन्होंने कहा कि अगर उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे एकसाथ आते हैं तो खुशी होगी. इस बयान के बाद से दोनों शिवसेना के एकसाथ आने की अटकलें शुरू हो गई हैं. शिरसाट के इस बयान से शिंदे और ठाकरे के नेता नाराज और खुश दोनों स्थिति में हैं.

राजनीती में कुछ भी हो सकता है. इसलिए दोनों पार्टी एकसाथ आते हैं तो कोई आश्चर्य नहीं होगा लेकिन यह होना उतना ही मुश्किल भी है. उद्धव ठाकरे की पार्टी इन्हें स्वीकार नहीं सकती. फिलहाल उद्धव ठाकरे के निशाने पर बीजेपी पर है और शिंदे उनके साथ गठबंधन में हैं. महाराष्ट्र की सरकार मे एकनाथ शिंदे के विधायक अजित पवार से ज्यादा हैं. फिर भी एकनाथ शिंदे तीन नंबर के स्थान पर हैं. सीएम फडणवीस और डिप्टी अजित पवार की 'दोस्ती' सबको पता है.

मीटिंग से शिंदे ने बनाई दूरी

सोमवार (3 फरवरी) को सीएम देवेंद्र फडणवीस की तरफ से बुलाई गई बैठक से एकनाथ शिंदे ने दूरी बना ली थी. उनकी जगह योगेश कदम मीटिंग में गए थे. शिंदे की गैरमौजूदी ने अटकलों को हवा दे दी. इस बीच शिवसेना (यूबीटी) के सांसद संजय राउत ने कहा कि मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस और उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के बीच तनावपूर्ण संबंध राज्य की प्रगति में बाधा बन रहे हैं. 

संजय राउत ने क्या कहा?

पार्टी के मुखपत्र 'सामना' में संजय राउत ने दावा किया कि शिंदे अभी तक इस तथ्य को स्वीकार नहीं कर पाए हैं कि नवंबर 2024 के विधानसभा चुनाव के बाद उन्हें मुख्यमंत्री पद दोबारा नहीं दिया गया. वह इस पद को फिर से हासिल करने की बेहद कोशिश कर रहे हैं और फडणवीस इससे अच्छी तरह से वाकिफ हैं.

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