Maharashtra Politics: भारतीय राजनीति अंधविश्वासों से अछूती नहीं है. महाराष्ट्र की सियासत में एक बार फिर टोने टोटके और अंधविश्वास का जिक्र हुआ है. इस बार मुद्दा शिंदे की सेना के एक मंत्री भरत गोगावले की एक तस्वीर से उठा है, जिसे उद्धव ठाकरे गुट शिवसेना (यूबीटी) के मुख पत्र सामना में छापते हुए निशाना साधा गया. यहां तक संजय राउत ने एकनाथ शिंदे को नींबू मिर्ची उपमुख्यमंत्री भी बताया है. महाराष्ट्र की राजनीति में पूजा पाठ तंत्र मंत्र का किस्सा नया नहीं है इसके जैसे कई वाकये हैं जो इस तरह के अंधविश्वास पर सवाल खड़े करते हैं.

'सामना' संपादकीय में हाल ही में वायरल हुई गोगावले की अघोरी पूजा करते हुए एक फोटो का हवाला देते हुए कहा गया, ''प्रगतिशील महाराष्ट्र को अब श्मशान और खोपड़ियों के बीच झोंका जा रहा है. इस फोटो में मंत्री मानव खोपड़ियों, नींबू-मिर्च और हड्डियों के बीच अघोरी बाबा के सामने बैठा दिखाया गया.

महाराष्ट्र में अघोरी नाच होगा- सामना

संपादकीय में लिखा, "पहली दफा महाराष्ट्र मंत्रिमंडल में नींबू, मिर्च, पिन और खोपड़ी को महत्व मिलने लगा है, यानी राज्य में अघोरी नाच होगा.'' इतना ही नहीं संजय राउत ने शनिवार को उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को नींबू मिर्ची वाला नेता भी बता दिया. हालांकि यह कोई नया मामला नहीं है, इससे पहले जब एकनाथ शिंदे उद्धव ठाकरे से अलग होकर बीजेपी के साथ आए थे उस दौरान वो अपने तमाम नेताओं के साथ गुवाहाटी के कामाख्या मंदिर दर्शन के लिए गए थे. मां पार्वती का यह मंदिर तंत्र मंत्र और बलि के लिए भी मशहूर है, तब संजय राउत ने आरोप लगाया था कि शिंदे ने यहां जाकर भैंसे की बलि दी है.

महाराष्ट्र की राजनीति में कई बार अंधविश्वास का जिक्र 

सबसे पहले महाराष्ट्र के मंत्रालय का कमरा नंबर 602 राज्य के राजनेताओं के लिए अपशकुन माना जाता है. राज्य सचिवालय के सबसे विशाल कमरों में से एक होने के बावजूद, मंत्री इसमें रहने से कतराते हैं. यह कमरा दुर्भाग्य के इतिहास के लिए बदनाम है, जिसमें रहने वालों को अक्सर परेशानी का सामना करना पड़ता है और अपने पदों से इस्तीफा देना पड़ता है. पिछले ढाई दशकों में, माना जाता है कि इस कमरे में रहने वाले हर मंत्री को दुर्भाग्य का सामना करना पड़ा है. 

सरकार में यह कमरा बीजेपी मंत्री शिवेंद्र राजे भोसले के लोक निर्माण विभाग को आवंटित किया गया है. कमरा 602 की बदनामी ने राजे के समर्थकों में चिंता पैदा कर दी है. फिलहाल, इस कमरे का इस्तेमाल पीडब्ल्यूडी के अधिकारी कर रहे हैं, जबकि राजे के बगल वाले कमरे में रहने की संभावना है.

अंधविश्वास का दूसरा किस्सा

इसके पहले फरवरी में संजय राउत ने बड़ा आरोप करते हुए कहा था, ''महाराष्ट्र के नए मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस अंधविश्वास की वजह से दक्षिण मुंबई स्थित मुख्यमंत्री के सरकारी आवास 'वर्षा' में शिफ्ट नहीं हो रहे हैं. गुवाहाटी में कामाख्या मंदिर की यात्रा के दौरान भैंसों की बलि दी गई और उन भैंसों के सींग 'वर्षा' के परिसर में इसलिए दफनाए गए ताकि सीएम की कुर्सी शिंदे को ही हासिल हो सके. इस बयान के बाद मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस अपनी पत्नी अमृता के साथ इस साल अक्षय तृतीया के मौके पर विधि विधान से पूजा कर 'वर्षा' बंगले में शिफ्ट हुए.

तीसरा किस्सा क्या है? 

महाराष्ट्र में 2019 में बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद की दूसरी बार शपथ ली थी, राजनीतिक उठापटक के बीच देवेंद्र फडणवीस की इस तस्वीर में कुछ पंडित रात के अंधेरे में देवेंद्र फडणवीस के लिए पूजा कर रहे हैं जिसमें खुद देवेंद्र फडणवीस भी मौजूद थे. बताया जा रहा था कि ये पूजा मध्यप्रदेश के नलखेड़ा में स्थित प्रसिद्ध बगलामुखी मंदिर के पंडितों ने करवाई थी. नलखेड़ा में मां बगलामुखी का प्रसिद्ध तीर्थ है, जो तंत्र-मंत्र के लिए जाना जाता है.

चौथा किस्सा क्या? 

इसके पहले सरकार बनने से पहले एकनाथ शिंदे अपने गांव गए थे, तब भी आदित्य ठाकरे ने उन पर इल्जाम लगाते हुए सवाल पूछा था कि सोमवती अमावस्या और पूर्णिमा के दौरान ही शिंदे अपने गांव क्यों जाते हैं. क्या वहां जाकर काला जादू कर रहे हैं? जिसके बाद शिंदे गुट के नेताओं ने भी खूब बयानबाजी की थी.

पॉलिटिकल एक्सपर्ट रवि किरण ने क्या कहा?

महाराष्ट्र की राजनीति को करीब से देखने वाले पॉलिटिकल एक्सपर्ट रवि किरण देशमुख ने एबीपी न्यूज से कहा, ''श्रद्धा का विषय सबका निजी होता है .ऐसे में राजनेताओं को इस बात का ख्याल रखना चाहिए, पहले राज्य में राजनीति के कभी कोई निजी श्रद्धा को उजागर नहीं करता था लेकिन अब मंत्री पद को लेकर होड़ और टीका टिप्पणी के चलते अपनी चाह के लिए नेता इस तरह की चीजों में लिप्त दिखाई दे रहे है. महाराष्ट्र में अंधश्रद्धा को लेकर कानून है इस बात को समझना चाहिए.'' 

महाराष्ट्र में 2013 में लागू अंधश्रद्धा निर्मूलन कानून काला जादू, अंधविश्वास और ऐसी प्रथाओं पर सख्त कार्रवाई का प्रावधान करता है, जिसमें जुर्माना और जेल की सजा शामिल है.