Maharashtra Cash Scandal: महाराष्ट्र विधान परिषद के सभापति राम शिंदे ने धुले के एक सरकारी गेस्ट हाउस के कमरे से नकदी बरामद होने के मामले में गुरुवार (22 मई) को एक अनुभाग अधिकारी को निलंबित कर दिया. उन्होंने ये भी कहा कि गेस्ट हाउस से करोड़ों रुपये बरामद होने के मामले की जांच के लिए अलग से कमेटी गठित की जाएगी. 

महाराष्ट्र विधान परिषद के सभापति राम शिंदे ने अनुभाग अधिकारी किशोर पाटिल को कैश बरादम होने के आरोप में निलंबित किया है. उन्होंने ऐसा इसलिए किया कि जिस कमरे से कैश बरामद हुआ, वो अधिकारी किशोर पाटिल के नाम से बुक किया गया था.

समिति करेगी जांच- एकनाथ शिंदे

चौंकाने वाली बात यह है कि अनुभाग अधिकारी किशोर पाटिल विधानमंडल प्राक्कलन समिति के अध्यक्ष अर्जुन खोतकर के साथ थे, जो एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना के विधायक हैं. डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे ने एक बयान में कहा, “अधिकारी किशोर पाटिल को निलंबित कर दिया गया है और कमरा नंबर 102 से करोड़ों रुपये बरामद होने के मामले की जांच के लिए एक समिति बनाई जाएगी.”

धुले गेस्ट हाउस से बरामद हुए 5 करोड़- यूबीटी नेता

महाराष्ट्र के विपक्षी दलों के नेताओं ने आरोप लगाया कि प्राक्कलन समिति के दौरे से पहले धुले शहर में सरकारी विश्राम गृह के एक कमरे में पांच करोड़ रुपये मिले थे. यह रिश्वत देने के लिए रखे गए थे. 

शिवसेना-उद्धव बालासाहेब ठाकरे के सांसद संजय राउत ने ‘एक्स’ पर आरोप लगाया था कि धुले शहर में सरकारी विश्राम गृह के एक कमरे में पांच करोड़ रुपये से अधिक की नकदी मिली. उन्होंने आगे कहा, “जब विधानमंडल प्राक्कलन समिति ने बुधवार को धुले जिले का दौरा किया, तो समिति को रिश्वत देने के लिए धुले के सरकारी विश्राम गृह गुलमोहर के कमरा नंबर 102 में लगभग साढ़े पांच करोड़ रुपये रखे गए थे.”

संजय राउत ने कहा था कि शिवसेना के पूर्व विधायक अनिल अन्ना गोटे और स्थानीय शिवसेना (यूबीटी) नेताओं ने कमरे को बंद कर दिया और बाहर पहरा दे रहे थे.  विपक्ष ने महायुति सरकार पर भ्रष्टाचार और इस पैसे का निकाय चुनाव में इस्तेमाल करने का आरोप लगाया है. इस मसमले पर शिवसेना नेता अर्जुन खोदकर ने आरोपों से इनकार किया है.

सीएम ने दिए SIT जांच के आदेश 

महाराष्ट्र में धुले गेस्ट हाउस से करोड़ों रुपए मिलने पर सीएम देवेंद्र फडणवीस ने एसआईटी जांच के आदेश दिए हैं. सीएम फडणवीस ने कहा है कि जांच में सब कुछ साफ हो जाएगा कि मामला क्या है?